काशीपुरः जसपुर कोतवाल अशोक कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने जहर गटक लिया है. जिससे उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. जिसे हायर सेंटर रेफर कर दिया है. महिला के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है. इससे पहले महिला की शिकायत पर कोतवाल को सस्पेंड किया जा चुका है.
दरअसल, बीते दिनों जसपुर खुर्द की रहने वाली महिला ने जसपुर कोतवाली में तैनात कोतवाल अशोक कुमार पर एक एफआईआर में धाराओं की बढ़ोतरी न करने को लेकर यौन शोषण का आरोप लगाया था. जिसकी शिकायत डीजीपी अशोक कुमार से भी की गई. जिसके बाद कोतवाल अशोक कुमार को सस्पेंड कर दिया गया था. साथ ही मामले की जांच काशीपुर सीओ को सौंपी गई थी, लेकिन महज 24 घंटे के भीतर शिकायतकर्ता महिला अपनी शिकायत और अपने बयानों से बदल गई.
महिला का कहना था कि उनकी ओर से दर्ज कराए गए केस में धाराएं न बढ़ाने के चलते उसने कोतवाल अशोक कुमार पर जो आरोप लगाए थे, अब वो उन आरोपों पर कोई कार्रवाई नहीं चाहती है. अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि पूरे मामले की जांच से पहले ही आज महिला ने अपने आवास पर सुसाइड का प्रयास किया. हालांकि, काशीपुर के अधिवक्ता संजीव आकाश को जैसे ही जानकारी लगी. उन्होंने महिला को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है. जहां महिला का उपचार चल रहा है. यह जानकारी खुद संजीव आकाश ने अपनी फेसबुक पर पोस्ट डाल कर दी.
वहीं, काशीपुर के एक निजी अस्पताल में महिला का इलाज चल रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि अब महिला खतरे से बाहर है. फिलहाल, आईसीयू में है. जब उसे अस्पताल लाया गया था, उस समय उसकी स्थिति काफी खराब थी. महिला के कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. जिसमें महिला ने इंस्पेक्टर अशोक कुमार और प्रदेश व जिले के पुलिस उच्चाधिकारियों से माफी मांगी है. इसके पीछे विपुल नामक युवक की ओर से बेटे को जान से मारने की धमकी कारण बताया है.
सुसाइड नोट में महिला ने लिखा है कि ‘जब से उसने विपुल के भांजे से शादी की है, तब से विपुल उसे लगातार ब्लैकमेल कर रहा था. इसलिए मजबूर थी. मुझे माफ कर दो. ये नहीं करती तो वो मेरे बेटे को मार देता.’ वहीं फोन पर बातचीत में स्पर्श हॉस्पिटल के संचालक डॉ. रजनीश शर्मा ने बताया कि अभी महिला खतरे में है, लेकिन पहले ज्यादा खतरा नहीं है. खतरा अभी टला नहीं है. अगर रीअटैक नहीं आता है तो उसे बचाया जा सकता है