विपक्ष ने महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरा सदन में देखने को मिली तीखी तकरार
गैरसैण : अनियंत्रित होती जा रही महंगाई के मुद्दे पर आज मंगलवार को सदन में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच तीखी तकरार देखने को मिली। बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर आज विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बढ़ती हुई महंगाई को नियंत्रण में लाने के लिए कोई उपाय नहीं कर रही है।
जवाब में सरकार ने कहा कि वह महंगाई के मुद्दे पर बेहद गंभीर है और काफी कदम उठा रही है, सरकार ने कई तरह की जरूरतमंद चीजों पर वैट एवं टैक्स हटाया है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट करने का फैसला किया।
सदन में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने नियम 58 के तहत महंगाई का मुद्दा उठाते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उज्जवला योजना एक मजाक बनकर रह गई है, तेल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं, गैस के दाम आम आदमी की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं। जबकि सरकार चाहे तो अपनी तरफ से इन चीजों में रियायत दे सकती है, साथ ही उन्होंने जोर देते हुए यह भी कहा कि आज प्रदेश की स्थिति यह है कि समस्त विभागों के कर्मचारियों को उनकी तनखा तक समय पर नहीं मिल पा रही है। महंगाई भत्ता जो कर्मचारियों को देना चाहिए था वह उनकी पहुंच से कोसों दूर हो चुका है।
सरकार को घेरते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी सरकार पर जोरदार हमला बोला उन्होंने कहा जिस महंगाई के मुद्दे पर भाजपा सरकार में आई थी आज वह इसी मुद्दे पर हर मोर्चे में फेल हो चुकी है।
महंगाई के मुद्दे पर ही नेता प्रतिपक्ष करण महर एवं गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी सरकार को घेरा। सत्ता पक्ष से कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहां की सरकार 14 लाख अंत्योदय परिवारों को ₹2 प्रति किलो गेहूं एवं ₹3 प्रति किलो चावल मुहैया करवा रही है।
साथ ही उन्होंने कोवीड के दौरान किए गए सरकार के प्रयासों की बढ़ाई करी। सरकार की तरफ से रखे गए पक्ष को सुनकर विपक्ष भड़क गया एवं मुद्दे को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट कर दिया।


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