हिमालय प्रहरी

कैदी को लगी ठंड, तो जेल से हुआ फरार, गर्म कपड़ों के साथ हुई वापसी

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प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी प्रशांत कुमार की अदालत में पेशी के दौरान हथकड़ी सरका कर मंगलवार को भागा शातिर नीतीश मंडल बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा से सदर कोर्ट हाजत अन्य बंदियों के साथ मंगलवार को लाया गया था। पुलिसकर्मियों का ध्यान बंदियों के आगे-पीछे सुरक्षा कवर देते हुए बाहर की गतिविधियों पर लगी थी। इधर नीतीश हथकड़ी सरका कर आराम से भीड़ का हिस्सा बन पल भर में ओझल हो गया था। उसके भाग जाने की जानकारी बाद हाजत प्रभारी ने पुलिस केंद्र समेत सक्षम पदाधिकारियों को दी। एसएसपी बाबूराम ने पुलिसकर्मियों को टास्क दिया था कि हरहाल में उसे 24 घन्टे के अंदर गिरफ्तार करे। पुलिसकर्मियों ने टास्क पूरा करते हुए नीतीश को गिरफ्तार कर लिया है।

इशाकचक के रेलवे लाइन झोपड़पट्टी का रहने वाला है नीतीश

फरार बंदी नीतीश मंडल इशाकचक थाना क्षेत्र के रेलवे लाइन झोपड़पट्टी निवासी नारायण मंडल का पुत्र है। पुलिस के अनुसार वह बबुआ कुल्हाड़ी गिरोह से जुड़ा है। लोदीपुर थाना क्षेत्र में इसी साल हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया था। मोजाहिदपुर थाने में भी उसके विरुद्ध संगीन मामला दर्ज है। 17 नवंबर 2022 को उसकी पेशी प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी राहुल दत्ता की अदालत में होनी थी। उसे शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में छह अक्टूबर 2022 को न्यायिक हिरासत में शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा भेजा गया था। नीतीश मंडल ने बताया कि उसे ठंंड लग रही थी, इस कारण वह कपड़ा लाने के लिए घर भागा था।

पुलिस की लापरवाही का फायदा उठा हाल में कई खूंखार हो चुके फरार

पेशी को आए बंदियों के स्वजन बंदियों और पुलिसकर्मियों की करते खातिरदारी

पेशी को जेल और थानों से लाए जाने वाले बंदी और आरोपितों को न्यायालय में पेशी के दौरान खूब खातिरदारी कराई जाती। सक्षम बंदियों के स्वजन पहले से पेशी वाले दिन कचहरी परिसर में मंडराते रहते। जेल से पेशी को आने वाले बंदियों को तैयार नास्ता, पानी, चोरी-छिपे सिगरेट, खैनी, गुटखा भी दी जाती। विभिन्न थानों से गिरफ्तार कर पेशी को लाए गए बंदियों को होटल में मछली-चावल, मुर्गा-चावल, मीट-चावल के अलावा मिठाई-नमकीन की व्यवस्था उनके स्वजन कराते हैं। ऐसे बंदियों के स्वजन उन्हें लेकर पहुंचने वाले पुलिसकर्मियों को पुलिसकर्मियों की मिली भगत से उन्हें सीसी कैमरे की जद से छिपा कर कभी-कभार मोबाइल से भी बातें कराई जाती। मोबाइल से बातें कराने और बंदियों को मदद पहुंचाने वाले दारोगा सुबोध यादव पर 2021 में कार्रवाई की जा चुकी है। अबतक आधा दर्जन हाजत प्रभारियों और 11 पुलिसकर्मियों पर बीते दो सालों में निलंबन की कार्रवाई भी की जा चुकी है। नीतीश मंडल के फरार होने मामले में भी सिटी एएसपी शुभम आर्या की जांच रिपोर्ट पर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

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