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वसीम जाफर पर उत्तराखंड टीम का कोच रहते हुए धार्मिक आधार पर चयन मामले पर राहुल गांधी का आया यह बयान

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फोटो : सौ. सोशल मीडिया

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में नफरत को इस कदर सामान्य कर दिया गया है कि अब क्रिकेट भी इसकी चपेट में आ गया

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ पिछले कुछ वर्षों में नफरत को इस कदर सामान्य कर दिया गया है कि हमारा प्रिय खेल भी इसकी चपेट में आ गया। भारत हम सभी का है। उन्हें हमारी एकता भंग मत करने दीजिए।” कांग्रेस नेता ने यह टिप्प्णी उस वक्त की है जब दिग्गज घरेलू क्रिकेट वसीम जाफर पर उत्तराखंड टीम का कोच रहते हुए धार्मिक आधार पर चयन को प्राथमिकता देने का आरोप लगा है।

जाफर ने चयन में दखल और चयनकर्ताओं तथा उत्तराखंड क्रिकेट संघ के सचिव के पक्षपातपूर्ण रवैये को लेकर मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था । आरोप लगने के बाद जाफर ने आनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में बुधवार को कहा था,‘‘ जो सांप्रदायिक पहलू लाया गया है, वह बहुत दुखद है ।”

जाफर को पूर्व भारतीय कप्तान और कोच अनिल कुंबले का समर्थन मिला है जो अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की क्रिकेट समिति के प्रमुख भी हैं। इसके अलावा पूर्व भारतीय खिलाड़ियों इरफान पठान और मनोज तिवारी तथा मुंबई के पूर्व बल्लेबाज शिशिर हट्टनगढ़ी ने भी जाफर का समर्थन किया है।

उत्तराखंड क्रिकेट असोसिएशन से मतभेदों के कारण कोच के पद से इस्तीफा देने वाले भारत के पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर ने बुधवार को प्रदेश संघ के सचिव के इन आरोपों को खारिज किया कि उन्होंने टीम में मजहब के आधार पर चयन की कोशिश की। भारत के लिए 31 टेस्ट खेल चुके जाफर ने कहा कि टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों को तरजीह देने के उत्तराखंड क्रिकेट असोसिएशन के सचिव माहिम वर्मा के आरोपों से उन्हें काफी तकलीफ पहुंची है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मैं इकबाल अब्दुल्ला का समर्थन करता हूं और उसे कप्तान बनाना चाहता था जो सरासर गलत है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं जय बिस्टा को कप्तान बनाने वाला था, लेकिन रिजवान शमशाद और अन्य चयनकर्ताओं ने मुझे सुझाव दिया कि इकबाल को कप्तान बनाएं। वह सीनियर खिलाड़ी है, आईपीएल खेल चुका है और उम्र में भी बड़ा है। मैंने उनका सुझाव मान लिया।’

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