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पिता की मौत के 7 साल बाद बेटे का जन्म. जिंदा आदमी के साथ हो गया ये कैसा खेला, DM को लेना पड़ा एक्शन; दिमाग घुमा देगी ये कहानी

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उत्तर प्रदेश के चित्रकूट से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां जिंदा व्यक्ति को मरा दिखाकर करोड़ों रुपये की जमीन की वरासत करा ली गई. हैरानी की बात यह है कि जमीन को लेखपाल समेत अन्य अधिकारियों ने बिना जांच किए दूसरे युवक को वरासत कर दी.

पीड़ित को इसकी जानकारी तब हुई जब उसने अपनी जमीन की खतौनी निकलवाई.

पीड़ित ने डीएम को शिकायती पत्र देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. डीएम ने आरोपी लेखपाल को निलंबित करने और मामले की जांच के आदेश दिए हैं. मामला जिले की सदर तहसील कर्वी के सीतापुर कस्बे का है. पीड़ित कल्लू उर्फ कुन्नु कुशवाह ने बताया कि वह रोजगार के लिए मध्य प्रदेश के सतना जिले के नगर कोठी में नौकरी करता है.

खतौनी से पता चला हो गई है मौत

उसने बताया कि गांव में उसकी जमीन है. वह जब घर आया तो उसने तहसील से उस जीमन की खतौनी की नकल निकलवाई, जिसे देख वह हैरान रह गया. खतौनी से पता चला कि उसकी मृत्यु हो चुकी है और जमीन उसके बेटे ने वरासत कर दी है. हैरानी तब और ज्यादा हुई जब जमा दस्तावेजों में पिता की मृत्यु के सात साल बाद बेटे का जन्म दिखाया गया. अधिकारियों ने इन्हीं फर्जी कागजों से जमीन की वरासत कर दी.

पिता की मौत के 7 साल बाद बेटे का जन्म

पीड़ित कुन्नु कुशवाह ने बताया कि उसकी जमीन की वरासत गांव के ही कुट्टू रैकवार के नाम हुई है. राजस्व विभाग में लगाए गए दस्तावेजों में कुन्नु कुशवाह को 1959 में मृत दर्शाया गया है. वहीं, कुट्टू रैकवार ने अपने आप को कुन्नु का पुत्र दर्शाया है, जमा दस्तावेज में कुट्टू की जन्म 1966 दर्ज है. यानी पिता की मौत 1959 और बेटे का जन्म 7 साल बाद 1966 में होना दिखाया है. पीड़ित ने आरोप लगाया है कि क्षेत्रीय लेखपाल ने झूठी रिपोर्ट लगाकर वरासत कर दी. पीड़ित ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की. उन्होंने लेखपाल को निलंबित कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

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