80 लाख रुपये की खैर की लकड़ी की तस्करी की जांच शुरू
मंगलवार की तड़के दस टायरा ट्रक में भरी लकड़ी को रनशाली रेंज की टीम ने पकड़ा था।
हल्द्वानी: तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार व उप प्रभागीय वनाधिकारी सितारगंज शिवराज चन्द्र के निर्देश पर वन क्षेत्राधिकारी रनसाली प्रदीप धौलाखण्डी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने द्वारा पकड़ी गई करीब 80 लाख रुपये की खैर की लकड़ी के मामले में डीएफओ ने जांच बैठा दी है।
बता दे कि मंगलवार की प्रातः तराई पूर्वी वन प्रभाग के रनसाली वन क्षेत्र के गश्ती दल द्वारा सिडकुल सितारगंज नैशनल हाइवे एक दस टायरा ट्रक को खैर प्रकाष्ठ के अवैध अभिवहन में धर दबोचा। इस दौरान ट्रक ड्राईवर द्वारा गश्ती दल के वाहन को टक्कर मारने का भी प्रयास किया। जिसके बाद वह कोहरे के फायदा उठाते हुए ट्रक को सड़क में खड़ा कर फरार हो गया। पकड़ी गई लकड़ी की कीमत करीब 80 लाख रूपये आंकी जा रही है। इधर भारी मात्रा में लकड़ी की तस्करी वन अधिकारियों को चौंका दिया है। जिसके बाद नव नियुक्त डीएफओ संदीप कुमार ने मामले की जांच बैठा दी है। जांच में ट्रक स्वामी का पता लगाने के साथ ही लकड़ी किस रेंज से ले जाई जा रही थी व इसमे किसी वन कर्मी का हाथ तो नही है समेत कई बिंदुओं को रखा गया है। इधर सूत्र बताते है कि लकड़ी किशन पुर रेंज से ले जाई जा रही थी।
आखिर कौन है घर का भेदी
लालकुआं: 80 लाख रुपये की खैर की लकड़ी की तस्करी के पीछे का रहस्य तो जांच के बाद ही पता चलेगा। लेकिन बिना किसी मिलीभगत के इतनी बड़ी तस्करी होना संभव नहीं है। मामले में वन विभाग के अधिकारी गहनता से जांच कर रहे हैं। सूत्रों से पता चला है कि वन विभाग की जांच किशनपुर रेंज के एक वन दरोगा के इर्द-गिर्द घूम रही है।


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