यहां माता को चढ़ाते है हथकड़ी और बेड़ियों का चढ़ावा, अनोखा है ये मंदिर, जहां चोरों का था बसेरा
आज हम आपको राजस्थान के एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी ख्याति राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे देश में फैली हुई है. भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ के मध्य सीमा पर स्थित जोगणिया माता मंदिर अपने आप में बेहद खास है. यहां के चमत्कार लोगों को अपनी आस्था के साथ खींच कर ले आते हैं. यहां की खास बात यह है कि अगर आप नजर घुमाकर देखेंगे, तो आपको यहां पर कई हथकड़ियां लटकी हुई दिखाई देंगी. यही नहीं, यहां पर हथकड़ी भेंट करने के बाद कोई दोबारा अपराध नहीं करने का संकल्प भी लेता है.
जोगणिया माता हाड़ाओं की कुलदेवी
श्री जोगणिया माता शक्ति पीठ प्रबन्ध एवं विकास संस्था बेगू चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष सत्यनारायण जोशी ने कहा कि भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिले की सीमा में स्थित जोगणिया माता मंदिर अनादि काल से है. यहां पर माता लक्ष्मी, सरस्वती और मां दुर्गा के रूप में विराजमान हैं. लोक कथाओं के अनुसार बम्बावदा के समीपस्थ ही जोगणिया माता हाड़ाओं की आराध्या (कुलदेवी) थी. राव देवा की पुत्री के विवाहोत्सव पर राव देवा ने जगदम्बा जोगणिया को सादर आमंत्रित कर प्रार्थना की कि मां उसका निमंत्रण स्वीकार कर उसे धन्य करें. माता रानी ने यहां जोगण के रूप में दर्शन दिए थे. तब से ही मां का नाम जोगणिया माता के रूप में प्रसिद्ध हो गया.