
सोमवार को दोहरे हत्याकांड से गोमती घाटी में दहशत फैल गई। हालांकि अभी दोनों शव अज्ञात हैं। लेकिन आशंका जताई जा रही है कि शव मां बेटे के हो सकते हैं। यह भी कयास हैं कि हत्यारे ने पहले बेटे को मारा, फिर मां को ठिकाने लगाने के लिए चाकू से गोदकर हत्या कर दी हो। अज्ञात शव बाहरी लोगों के बताए जा रहे हैं। क्षेत्र में काम करने वाले एक बाहरी व्यक्ति के सोमवार को पिंगलों छोड़कर बाहर चले जाने से भी क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। अभी कुछ दिन पूर्व भी पिंगलों के छुआ गधेरे में एक दर्जी का काम करने वाले व्यक्ति का शव बरामद किया गया था। डेढ़-दो वर्ष पूर्व भी अणा के जंगल में एक टाईल का काम करने वाले बाहरी व्यक्ति की उसके साथियों ने ही हत्या कर दी थी। लोगों का कहना है कि अक्सर बाहरी मजदूर ही इस प्रकार की वारदात करते हैं और फिर यहां से भाग जाते हैं। जिससे क्षेत्र का सौहार्द बिगड़ रहा है। बाहरी लोग यहां की शांत फिजाओं में अशांति का विष घोलने का काम करते आ रहे हैं। गोमती घाटी के सामाजिक कार्यकर्ता महेश बिष्ट ठाकुर, कै. पुष्कर सिंह बिष्ट, भरत बिष्ट, इंद्र सिंह रावत आदि ने पुलिस अधीक्षक और थानाध्यक्ष से क्षेत्र में रह रहे बाहरी लोगों से कड़ाई से पूछताछ करने और उनका गहनता से सत्यापन करने, हत्या का शीघ्र पर्दाफाश करने और हत्यारे को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की है।
पुलिस के लिए दोहरा हत्या का बना चुनौती
जिस स्थान पर शव मिले हैं, वह गढ़वाल-कुमाऊं का मुख्य केंद्र है। शवों की अभी शिनाख्त नहीं हो सकी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें एकांत गांव की तरफ हत्या करने के मकसद से लाया गया। विरान स्थान पर रात में दोनों की बारी-बारी हत्या कर दी और हत्यारे वहां से भाग गए। यह घटना पुलिस के लिए भी चुनौती है। जिले में पिछले कुछ समय से लगातार अपराध बढ़ रहे हैं। पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने कहा कि कानून व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई है। अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं। उन्होंने पुलिस के उच्चाधिकारियों से भी बातचीत की है।
बागेश्वर के एसपी हिमांशु कुमार ने बताया की शवो की अभी शिनाख्त नहीं हुई है। घटना स्थल पर उपस्थित हूं। जांच के लिए टीम गठित की जा रही है। लोकल के शव होने की संभावना कम है। पुलिस सभी कोणों से जांच कर रही है।
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