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एक चोरी ऐसी भी! पैसे चुराने के बाद चोर ने छोड़ी चिट्ठी…माफी मांगी और लिखा 6 महीने में लौटा दूंगा

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मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से एक ऐसी चोरी की घटना सामने आई है जो न सिर्फ हैरान कर देने वाली है, बल्कि लोगों के बीच चर्चा का विषय भी बन गई है। बीती रात एक चोर ने लगभग ढाई लाख रुपये चुराए और चोरी के बाद एक टाइप किए माफीनामे के साथ अपना अपराध स्वीकारा। इस चिट्ठी में चोर ने अपनी मजबूरी बताते हुए दुकानदार से माफी भी मांगी।

खरगोन कोतवाली पुलिस के मुताबिक, रामनवमी यानि 6 अप्रैल के दिन जमींदार मोहल्ले में स्थित दुकानदार जूज़र अली की दुकान का शटर तोड़कर चोर ने बैग में रखे करीब ढाई लाख रुपये की चोरी की। जब रोज की तरह सुबह दुकानदार ने अपनी दुकान खोली तो वह यह देखकर दंग रह गया। बैग में लगभग 2.84 लाख रुपये में से महज 38 हजार रुपये ही रह गए थे। इसके अलावा बैग में कंप्यूटर से टाइप किया हुआ एक लेटर भी रखा था जिसमें चोर ने चोरी की मजबूरी के बारे में विस्तार से बताया था।

चोर छोड़ गया अपना माफीनामा

चोर ने माफीनामे में लिखा, ‘सबसे पहले तो मैं आपसे जूज़र भाई, मैं आपसे माफी मांगता हूं, क्योंकि मैं आपकी दुकान से पैसे चुरा रहा हूं। मैं आपके मोहल्ले का ही हूं। इस समय मुझे पैसों की सख्त जरूरत है। मुझ पर बहुत कर्जा है। मैंने तीन-चार तीन पहले आपको तुकान पर पैसे गिनते देखा था। तभी से आप पर नजर रख रहा हूं। पैसे लेने वाले लोग रोज मेरे घर आ रहे हैं। इसलिए न चाहते हुए भी मैं आपकी दुकान से पैसे चुरा रहा हूं। अगर मैंने पैसे नहीं चुराए तो मुझे जेल हो जाएगी। इसलिए मैंने रात में आपकी दुकान के पीछे वाली शटर से पैसे चुराएं हैं। जितना कर्ज चुकाना है सिर्फ उतने ही पैसे लिए हैं। बाकी सामान को मैंने छुआ तक नहीं है।’

6 महीने में आपके पैसे लौटा दूंगा

चिट्ठी में आगे लिखा था, ‘मैं आपसे वादा करता हूं कि 6 महीने में आपके पैसे लौटा दूंगा और सामने भी आ जाऊंगा। तब तक के लिए मैं आपसे और आपके बेटे से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। रामनवमी के दिन चोरी कर रहा हूं। मेरा चोरी का कोई इरादा नहीं था। लेकिन मैं बहुत मजबूर हूं। अगर आप चाहो तो 6 महीने बाद मुझे पुलिस के हवाले कर देना। हालांकि, फिलहाल मेरे लिए पैसे चुराना बहुत जरूरी है। मैंने आपको सारी बातें सच-सच बता दी हैं। इसके बावजूद मैं अभी सामने नहीं आ पाऊंगा। मेरे पैसे लौटाने के बाद आप मुझे जो भी सजा देंगे, मुझे मजबूर होगी।’

 

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