देहरादून: उत्तराखंड में हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक न केवल सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई जाएंगे बल्कि इसे निजी स्कूलों में भी लागू किया जाएगा. शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने इस संदर्भ में विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं. उधर छात्रों को भी राहत देते हुए बस्ते का बोझ कम करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
राज्य में शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा तैयार की गई हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक केवल सरकारी विद्यालयों में ही नहीं बल्कि निजी स्कूलों में भी लागू की जाएगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत स्थानीय संस्कृति और जानकारी को भी छात्रों के पाठ्यक्रम मे शामिल किया जा रहा है. इसके तहत सरकारी विद्यालयों के अलावा निजी स्कूलों के छात्रों को भी इसका लाभ मिल सकेगा.
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने इस संदर्भ में अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं. दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 उत्तराखंड में लागू की जा रही है. इसमें विभिन्न प्रावधानों को सभी विद्यालयों में लागू करने का प्रयास हो रहा है.
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के अनुसार-
उत्तराखंड के निजी विद्यालयों में देश-विदेश के पढ़ रहे बच्चों को इस व्यवस्था से उत्तराखंड की संस्कृति और लोक विरासत के अलावा राज्य के आंदोलन की भी जानकारी मिल सकेगी. इसके अलावा बच्चों के बैग का बोझ कम करने के भी निर्देश दिए गए हैं. हालांकि, उत्तराखंड की सरकारी विद्यालयों में कक्षा के हिसाब से बातों का वजन निर्धारित किया गया है. इसी तरह निजी स्कूलों में भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी.
राज्यों के निजी विद्यालयों में सरकारी विद्यालयों की तरह ही हर महीने का 1 दिन बैग फ्री डे के रूप में लागू किया जाएगा. यह व्यवस्था बच्चों में पढ़ाई का तनाव कम करने के लिए की गई है. राज्य के निजी विद्यालयों में यह व्यवस्था अप्रैल महीने के पहले हफ्ते से शुरू की जाएगी.उत्तराखंड शिक्षा विभाग पहले ही सरकारी विद्यालय और निजी विद्यालयों के बीच सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए टीचिंग शेयरिंग प्रोग्राम चलाने, प्रयोगशाला और खेल मैदान को भी साझा करने का निर्णय ले चुके हैं.