सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के कैडेट्स ने बीते मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। यह भेंट विद्यालय के हीरक जयंती समारोह के अवसर पर हुई और इसे विद्यालय की गौरवशाली यात्रा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में दर्ज किया गया है।
🏫 विद्यालय का गौरव और परिचय
- स्थापना: सैनिक स्कूल घोड़ाखाल उत्तराखंड का एकमात्र सैनिक स्कूल है, जिसे 1966 में स्थापित किया गया था। यह देश का 15वां सैनिक स्कूल है।
- उपलब्धि: स्कूल अब तक 10 बार रक्षा मंत्री ट्रॉफी प्राप्त कर चुका है।
- योगदान: पिछले साठ वर्षों से यह संस्थान देश के भावी नेतृत्वकर्ताओं को गढ़ने में अग्रणी रहा है।
🤝 राष्ट्रपति से भेंट
- प्रतिनिधित्व: कैडेट्स के साथ विद्यालय के प्राचार्य ग्रुप कैप्टन विजय सिंह डंगवाल भी उपस्थित थे।
- महत्व: प्राचार्य ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च सेनानायक से हुई यह भेंट कैडेट्स की स्मृतियों में सदैव याद रहेगी और यह अवसर संपूर्ण घोड़ाखाल परिवार के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बना है।
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