उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘लैंड जिहाद’ के खिलाफ अपना रुख साफ करते हुए यह ऐलान किया है कि धार्मिक प्रतीकों का सहारा लेकर राज्य में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा।
💬 विधानसभा में सीएम धामी का सीधा बयान
उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में एक सवाल के जवाब में सीएम धामी ने स्पष्ट कहा:
“राज्य सरकार विधि व्यवस्था को मानती है, संविधान और कानून के तहत काम करती है। जो लोग कानून की व्यवस्था न मानकर तरह-तरह की रंगों वाली चादर डालकर जमीनों पर कब्जा करना चाहते हैं, उनके खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने कार्रवाई की है और आगे भी करेगी।”
🔨 ‘अवैध कब्जा हटाओ’ अभियान की सफलता
सीएम धामी ने पद संभालने के बाद वन विभाग और सभी जिलों के प्रशासन को सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने के सख्त निर्देश दिए थे। इस मुहिम के तहत:
- मुक्त कराई गई जमीन: उत्तराखंड में अब तक 9,000 एकड़ से भी ज्यादा सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है।
- अवैध निर्माण पर कार्रवाई: अवैध कब्जा कर बनाए गए 250 मदरसों और 500 से ज्यादा अन्य बिल्डिंगों को या तो ध्वस्त किया गया है या उनकी सीलिंग की गई है।
✅ आम लोगों को भरोसा और यूसीसी
सीएम धामी के इस बयान से यह तय हो गया है कि सरकारी जमीन पर एक भी अवैध कब्जे को बने नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने आम लोगों को यह भरोसा भी दिया है कि अफसरों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे हर व्यक्ति की जायज बात को सुनें और उस पर कार्रवाई करें।
- राजनीतिक संदेश: उत्तराखंड में बीजेपी के लगातार दो बार सरकार बनाने में अवैध कब्जेदारों के खिलाफ यह सख्त कार्रवाई एक बड़ी वजह रही है।
- संस्कृति की सुरक्षा: सीएम धामी ने UCC (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लाकर भी लोगों को भरोसा दिया है कि राज्य की संस्कृति को कतई नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा।
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