हिमालय प्रहरी

उत्तराखंड विधानसभा विशेष सत्र: पहले दिन सदन में गरमागरम बहस, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने लगाया “15% कमीशन” का गंभीर आरोप

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन सदन में सरकार और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो भ्रष्टाचार का मुद्दा प्रमुखता से उठा।


 

💰 विधायक निधि में “15% कमीशन” का आरोप

 

  • आरोपकर्ता: कांग्रेस विधायक और उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी
  • आरोप: कापड़ी ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि राज्य में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है और विधायक निधि में 15 प्रतिशत तक का कमीशन अधिकारी खा रहे हैं।
  • भुवन कापड़ी का बयान: “उत्तराखंड राज्य गठन के 25 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन भ्रष्टाचार इन वर्षों में जवान हो गया है।” उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में पारदर्शिता केवल भाषणों में है, जमीनी हकीकत कुछ और है।
  • सत्ता पक्ष की आपत्ति: कापड़ी के इस बयान पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने आपत्ति जताई और उनसे पूछा कि वह उस अधिकारी का नाम बताएँ जिसने उनसे कमीशन मांगा है।
  • कापड़ी का पलटवार: कापड़ी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह बात किसी से छिपी नहीं है, सबको मालूम है कि कौन कमीशन मांगता है, जिसके बाद सदन में हंगामा मच गया और माहौल कुछ देर के लिए गर्म हो गया।

 

🏛️ सत्र का माहौल

 

  • सत्र का स्वरूप: राज्य स्थापना की रजत जयंती पर आयोजित यह सत्र पहले दिन तीखे राजनीतिक आरोपों और जवाबों के बीच बीता।
  • सरकार की उपस्थिति: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं सदन में मौजूद रहे और विपक्ष के अधिकतर सवालों के जवाब दिए।
  • चर्चा के मुद्दे: भ्रष्टाचार के अलावा, 25 वर्षों के इतिहास का लेखा-जोखा भी पेश किया गया। पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अपने सुझाव और सवाल भी रखे। सवाल-जवाब का यह दौर देर रात तक जारी रहा।
Exit mobile version