मुरादाबाद: जनपद में आपूर्ति विभाग की कार्रवाई ने एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है। मूंढापांडे थाना क्षेत्र के भैयानगला गांव में एक व्यक्ति अपने घर के अंदर ही बिना किसी लाइसेंस या NOC के बाकायदा डिस्पेंसिंग मशीन (नोजल) लगाकर अवैध डीजल पंप संचालित कर रहा था।
यह हाईटेक अवैध पंप न केवल घनी आबादी के बीच स्थित था, बल्कि यहाँ से ग्राहकों को कंप्यूटर जनित रसीदें भी दी जा रही थीं।
🔍 हाईटेक सेटअप और छापेमारी
जिला आपूर्ति अधिकारी को मिली गोपनीय सूचना के आधार पर टीम ने जब छापेमारी की, तो मौके का नज़ारा देखकर अधिकारी दंग रह गए।
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सेटअप: क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी आनंद प्रभु सिंह के अनुसार, मौके पर एक व्यावसायिक पेट्रोल पंप की तरह सेटअप मिला।
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टैंक: $950$–$950$ लीटर क्षमता के दो टैंक स्थापित पाए गए।
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मशीन: एक आधुनिक डिस्पेंसिंग यूनिट (तेल भरने वाली मशीन) लगी थी, जिससे पाइप और नोजल के जरिए तेल भरा जाता था।
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रसीदें: बिक्री की पर्चियां भी जब्त की गईं, जो इस अवैध धंधे के बड़े पैमाने पर चलने का प्रमाण हैं।
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कार्रवाई: विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मशीन को सीज कर दिया और करीब 950 लीटर डीजल बरामद किया है।
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मुकदमा: मुख्य आरोपी तनवीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
⚠️ सुरक्षा पर उठते गंभीर सवाल
यह घटना सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक थी, जिसने विभागीय सतर्कता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:
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ज्वलनशील पदार्थ का भंडारण: बिना लाइसेंस के रिहायशी इलाके में भारी मात्रा में ज्वलनशील पदार्थ का भंडारण किसी बड़े हादसे को दावत दे सकता था। इसे अधिकारी ‘टाइम बम’ की तरह मान रहे हैं।
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मिलावट का संदेह: अधिकारियों को संदेह है कि अधिक मुनाफे के चक्कर में डीजल में मिलावट भी की जा रही थी, जिसके लिए सैंपल लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं।
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि थाना मूंढापांडे में आपूर्ति विभाग की तहरीर पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। पुलिस अब इस बात की तफ्तीश कर रही है कि आरोपी इतने बड़े पैमाने पर डीजल कहाँ से लाता था और यह अवैध सेटअप कितने समय से सक्रिय था।
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