हिमालय प्रहरी

कांस्टेबल दामाद पर तंत्र-मंत्र और मार-पिटाई के आरोप, ससुर के लेटर ने उलझाई गुत्थी; मां-बेटों की कलाई कटी लाश मिलने का केस

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दिल्ली के मुनिरका में रविवार को एक घर में एक महिला और उसके दो बच्चों के शव बरामद किए गए. मृतकों की कलाइयों पर तेजधार हथियार से चोट के निशान भी मिले. मृतकों की पहचान वर्षा शर्मा और उनके दो बेटों के रूप में की गई है.

पुलिस के मुताबिक, मुनिरका के एक फ्लैट से 27 साल की विवाहिता वर्षा शर्मा, उनके दो बेटों (जिनकी उम्र 2.5 साल और 4 साल थी) के शव बरामद हुए. वर्षा का पति जोगेंद्र शर्मा Narcotics Control Bureau (NCB) में कांस्टेबल है.

घटना का 8 अक्टूबर की सुबह 10:30 बजे पता लगा. दरअसल, दिल्ली पुलिस को मुनिरका इलाके से एक कॉल मिला कि एक महिला ने घर के अंदर आत्महत्या कर ली है और दरवाजा बाहर से बंद है. पुलिस की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची.

फायर डिपार्टमेंट ने दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो देखा तीनों शव कमरे के अंदर पड़े हुए थे और उनकी कलाइयों पर कट के निशान थे. प्रथम दृष्टि में सभी को यही लगा कि महिला ने अपने दोनों बच्चों की हत्या करके खुद भी आत्महत्या कर ली. लेकिन इस पूरी घटना की वजह क्या थी? यह अभी तक किसी को पता नहीं था.

लेकिन शाम के वक्त जब मृतका के पिता ने चार पन्ने का शिकायती पत्र किशनगढ़ थाना पुलिस को सौंपा. फरियादी के आरोपों ने इस घटना के पूरे गुत्थी को उलझाकर रख दिया.

शिकायत के मुताबिक, शादी के बाद से ही उनका दामाद और उनके परिवार के लोग दहेज के लिए वर्षा को परेशान करते थे. जोगेंद्र मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है. फरियादी का आरोप है कि कई बार झगड़ा होने के बाद वह वर्षा को मायके से अपने साथ दिल्ली लेकर आया. लेकिन वर्षा ने फोन करके बताया था कि पति उसे बाहर से नशीली दवाई लाकर खिलाता है. जब वह अपना होश हो देती है तो उसके बाद उस पर तंत्र-मंत्र किया करता है, और ऐसा एक बार नहीं बल्कि कई बार होता था.

पिता ने फोन करके दामाद से इस बारे में पूछा, तो जोगेंद्र कहता था कि वर्षा के ऊपर ऊपरी कोई साया है जिसके लिए वह हवन पूजन करता है. पिता की तरफ से दिए गए चार पन्नों के शिकायत पत्र में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

यह भी आरोप है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि एक सोची समझी साजिश के तहत हत्या की गई है. जोगेंद्र ने ही अपनी बीवी और बच्चों को मारा है. उधर, दिल्ली पुलिस की टीम मृतका वर्षा और दोनों बच्चों के शव को पोस्टमार्टम के लिए सफदरजंग अस्पताल ले गई.

फरियादी ने शिकायती पत्र में यह भी लिखा है, पोस्टमार्टम के दौरान इस बात का जरूर ध्यान रखा जाए कि उनकी बेटी को क्या स्लो पॉइजन या नारकोटिक्स की कोई नशीली दवाई दी जाती थी.

फिलहाल इस गंभीर घटना के रहस्य का खुलासा होना बाकी है. पुलिस तीनों लाशों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.

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