चित्तौड़गढ़ (राजस्थान): राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित प्रसिद्ध श्री सांवलिया सेठ मंदिर के दान-भंडार की इस बार की गिनती ने अब तक के सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दीपावली के बाद खोले गए इस भंडार से अब तक ₹40 करोड़ 33 लाख 39 हजार की नकदी निकल चुकी है, और गिनती का कार्य अभी भी जारी है।
🧮 गिनती जारी, राशि बढ़ने की संभावना
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भंडार कब खुला: इस बार भंडार दो महीने बाद खोला गया था। 19 नवंबर को भोग और आरती के बाद प्रशासनिक अधिकारी और मंदिर मंडल सदस्यों की मौजूदगी में भंडार खोला गया।
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गिनती की स्थिति: पाँच चरणों की गिनती पूरी हो चुकी है और छठा चरण जारी है। नकदी का एक बड़ा हिस्सा अभी गिना जाना बाकी है, ऐसे में यह राशि और अधिक बढ़ने की पूरी संभावना है।
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कर्मचारी और सुरक्षा: गिनती का काम मंदिर के मुख्य चौक की बजाय सत्संग हॉल में करीब 200 कर्मचारियों द्वारा सख्त सुरक्षा के बीच किया जा रहा है। पूरे परिसर में CCTV, मैनुअल कैमरे और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती है।
🪙 नकदी के अलावा अन्य चढ़ावा
अभी तक केवल नकदी की गिनती हुई है। कुल चढ़ावा ज्ञात करने के लिए अभी निम्नलिखित की गणना होनी बाकी है:
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कार्यालय में आया चढ़ावा और भेंटकक्ष में जमा दान।
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ऑनलाइन और मनीऑर्डर से भेजे गए चढ़ावे।
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सोना, चांदी, सिक्कों और विदेशी मुद्रा की तौल और छंटनी।
📈 हर बार टूटता है रिकॉर्ड
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परंपरा: सांवलिया सेठ मंदिर में साल में कुल 11 बार भंडार खुलता है।
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नियमित चढ़ावा: आमतौर पर हर माह खुलने वाले भंडार से ₹26-27 करोड़ रुपये निकलते हैं।
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रिकॉर्ड: परंपरा रही है कि लगभग हर बार पिछले चढ़ावे का रिकॉर्ड टूट जाता है।
गिनती प्रक्रिया: भंडार से निकली नकदी को बोरों में भरकर सत्संग हॉल लाया जाता है, जहाँ नोटों को अलग-अलग श्रेणियों (₹500, ₹200, आदि) में छाँटकर बंडल बनाए जाते हैं। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाती है। सांवलिया सेठ के दरबार में राजस्थान के अलावा देश के विभिन्न राज्यों से भी भक्त बड़ी संख्या में पहुँचते हैं।
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