जाड़ भोटिया समुदाय ने धूमधाम से मनाया लोसर पर्व, रिंगाली देवी की पूजा कर मनाई आटे की होली

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उत्तरकाशी। जाड़ भोटिया जनजाति बहुल डुंडा वीरपुर गांव में लोसर का पर्व हर्षोल्लास के साथ शुरू हुआ। लोसर पर्व रिंगाली देवी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना एवं घरों पर मंत्र लिखे नए झंडे चढ़ाने के साथ संपन्न हुआ। रिंगाली देवी मंदिर परिसर में पारंपरिक परिधानों में सजी जाड समुदाय की महिलाओं की भजन संध्या और नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा।

बौद्ध पंचांग के अनुसार नए साल के स्वागत में जाड-भोटिया समुदाय द्वारा लोसर पर्व मनाया जाता है। मेले की शुरुवात के पहले दिन चीड़ के छिलकों से बनी मशालें जलाकर समुदाय के लोगों ने दीपावली मनाते हैं। फिर भोटिया समुदाय के लोगों ने आटे की अनूठी होली खेलकर सुख समृद्धि की कामना की।

रिंगाली देवी मंदिर में पारंपरिक परिधान पहनकर नृत्य करती जाड़ समुदाय की महिलाएं। इस दौरान भोटिया समुदाय के लोगो ने पौराणिक परंपरा के अनुसार घरों पर लगे पुराने झंडे उतारकर मंत्र लिखे नए झंडे चढ़ाए।

जाड़ समुदाय के लोग रिंगाली देवी के मंदिर में एकत्र हुए। यहां रिंगाली देवी की पूजा-अर्चना करने के साथ ही हरियाली और प्रसाद चढ़ाया गया। पारंपरिक परिधानों में सजी समुदाय की महिलाओं ने भजन संध्या की प्रस्तुति से भक्ति पूर्ण माहौल बना दिया। इसके बाद समुदाय के लोगो ने रिंगाली देवी की डोली के साथ रांसो एवं तांदी नृत्य कर अपनी समृद्ध संस्कृति की झलक प्रस्तुत की।