एक बंदर को शहर से बाहर करने के लिए नगर निगम को अब 12 सौ रुपये का करना होगा भुगतान, वन विभाग ने निगम से बंदर पकड़ने के बदले भुगतान की करी मांग

The Municipal Corporation will have to pay around 1200 rupees to drive a monkey out of the city, the Forest Department has demanded payment from the corporation in exchange for catching the monkey

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राजू अनेजा, हल्द्वानी। हल्द्वानी क्षेत्र में घूम रहे बंदर लोगों के लिए खतरा बनने के साथ अब नगर निगम को आर्थिक चपत लगाने जा रहे हैं। एक बंदर को बाहर करने के लिए निगम को करीब 12 सौ रुपये चुकाने होंगे।

वन विभाग ने निगम से बंदर पकड़ने के बदले भुगतान की मांग की है। ऐसे में शहर में मौजूद सैकड़ों बंदरों को बाहर करने को निगम को लाखों रुपये खर्च करने होंगे।हल्द्वानी नगर निगम के वार्डों में बंदरों का आतंक बना हुआ है। घर के बाहर और छतों पर रखे सामान को ये लगातार खराब कर रहे हैं।

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इनके डर से स्कूली बच्चों के साथ बुजुर्गों का घर से अकेले बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। वहीं पोलो में इनके लटकने से बिजली के तार टूटने का खतरा बना रहता है। जिससे किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी है।

इसके समाधान के लिए बंदरों को पकड़ कर शहरी क्षेत्र से बाहर करने की मांग लोग निगम प्रबंधन से लगातार करते रहते हैं। नगर निगम ने वन विभाग से इन्हें पकड़कर समस्या के समाधान को पत्र भेजा था।

इसके जवाब में वन विभाग ने पत्र जारी कर इसके लिए भुगतान की मांग की है। इसके अनुसार एक बंदर के लिए निगम को 12 सौ रुपये देने होंगे। इसके अनुसार निगम क्षेत्र में मौजूद सैकड़ों बंदरों के लिए लाखों खर्च करने होंगे।

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ऐसे में पहले से ही बजट के लिए जूझ रहे नगर निगम को अब बंदर आर्थिक चपत लगाने जा रहे हैं। नगर आयुक्त ऋचा सिंह ने बताया कि बंदर पकड़ने के बदले वन विभाग को भुगतान किया जाना है।

लावारिस जानवर पर ही हर माह लाखों खर्च

हल्द्वानी शहरी क्षेत्र में घूम रहे लावारिस जानवरों के लिए भी निगम हर माह लाखों खर्च कर रहा है। निगम की गोशालाओं में अभी लगभग छह सौ लावारिस जानवरों को पकड़कर रखा गया है। एक के चारे आदि की व्यवस्था को निगम हर दिन करीब 80 रुपये का बजट खर्च करता है। साथ ही इन्हें पकड़ने को हर माह 25 हजार तक का तेल वाहनों में खर्च हो जाता है। ऐसे में हर माह लाखों की रकम खर्च हो रही है।

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