उत्तराखंड ‘जल सखी योजना’: जल संरक्षण के साथ ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा रोजगार

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड सरकार ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने और लोगों को इसका महत्व समझाने के लिए ‘जल सखी योजना’ (Jalsakhi Yojana Uttarakhand) की शुरुआत की है। यह योजना न केवल पानी की बर्बादी रोकने के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि ग्रामीण इलाकों की स्थानीय महिलाओं को रोजगार का अवसर भी प्रदान करेगी।


 

👩‍🔧 जल सखी योजना का उद्देश्य और कार्य

 

  • उद्देश्य: प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पेयजल सप्लाई का काम महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को सौंपना
  • रोजगार: यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई है, जो ‘हर घर नल’ योजना पूर्ण होने के बाद पानी से जुड़े कामों में शामिल होंगी।
  • मुख्य कार्य:
    • गाँव में वॉटर सप्लाई की निगरानी करना।
    • पानी के बिलों को तैयार करना और बांटना
    • पानी से संबंधित किसी भी तरह की समस्या का निवारण करना।
    • पानी की क्वालिटी चेक करने के लिए दी गई किट का उपयोग कर, पानी की गुणवत्ता की जाँच करना।
यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड कांग्रेस में बड़ा बदलाव: गणेश गोदियाल बने प्रदेश अध्यक्ष, माहरा की जगह संभाली कमान

 

🛠️ ट्रेनिंग और प्रोत्साहन

 

  • ट्रेनिंग: इस योजना के तहत चुने गए महिला समूहों को ‘नल जल मित्र’ के रूप में ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
  • प्रोत्साहन: पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत महिला समूहों को प्रति बिल ₹10 का प्रोत्साहन और राजस्व का एक निश्चित हिस्सा मिलेगा।

 

🤝 महिला सशक्तिकरण की पहल

 

उत्तराखंड सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। ‘जल सखी योजना’ सीएम पुष्कर सिंह धामी की पहल पर 2022 में शुरू की गई सफल ‘लखपति दीदी योजना’ की सफलता को देखते हुए आगे बढ़ाई जा रही है। इसके अतिरिक्त, ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ जैसी कई योजनाएं भी महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने पर केंद्रित हैं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड किसान संकट: बेटी की शादी सिर पर, धान न बिकने पर हताश किसान ने ढेर में लगाई आग

 

🎨 House of Himalayas ब्रांड भी मचा रहा धमाल

 

जल सखी योजना के अतिरिक्त, उत्तराखंड के पहाड़ी कला एवं हस्तशिल्प उत्पादों को मजबूत आर्थिक मंच प्रदान करने के लिए ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ (House of Himalayas) ब्रांड भी बेहतर काम कर रहा है।

  • उद्घाटन: इस एकीकृत ब्रांड का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
  • उद्देश्य: उत्तराखंड की पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पादों, जैविक खेती के सामान और जड़ी-बूटियों को बढ़ावा देना।
  • उत्पाद: ब्रांड में 36 उत्पाद शामिल हैं, जिनमें से 12 को पहले ही GI टैग मिल चुके हैं।
  • विपणन: वर्तमान में इसके 11 स्टॉल राज्य के एयरपोर्ट, हेलीपैड और प्रमुख होटलों में स्थापित किए गए हैं, साथ ही ये उत्पाद विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी बेचे जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड मौसम अपडेट: रात के पारे में गिरावट, पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ी कंपकंपी

क्या आप उत्तराखंड की ‘लखपति दीदी योजना’ या ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ के बारे में और अधिक जानना चाहेंगे?

Ad