उत्तराखंड रजत जयंती समारोह: सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कक्षा 6 से सहकारिता का पाठ अनिवार्य करने की घोषणा की

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उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे रजत जयंती समारोह के तहत, सहकारिता विभाग की ओर से एक सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने किया। इस दौरान मंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।


 

📚 स्कूली शिक्षा में सहकारिता का पाठ

 

  • अनिवार्य शिक्षा: सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने घोषणा की कि उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं को कक्षा 6 से सहकारिता आंदोलन का पाठ अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा।
  • समिति गठन: इसके लिए निबंधक को एक समिति गठित करने के निर्देश दिए गए हैं।
  • राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्ताव: राज्य स्तर पर तैयार होने वाले इस प्रस्ताव को भारत सरकार को भी भेजा जाएगा, ताकि केंद्रीय विद्यालयों में भी इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जा सके।
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💰 महिलाओं को गारंटी-मुक्त लोन और स्वरोजगार

 

  • विभाग ने महिलाओं को स्वरोजगार और आय सृजन से जुड़ी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से बिना गारंटी के लोन देने का निर्णय लिया है:
    • ₹21,000
    • ₹51,000
    • ₹1 लाख 10 हजार तक का लोन।

 

🚂 भारत दर्शन यात्रा के लिए लोन

 

  • राष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने के लिए सहकारिता विभाग ‘भारत दर्शन यात्रा’ के लिए लोन देगा:
    • व्यक्तिगत लोन: ₹1 लाख
    • व्यक्तिगत लोन: ₹2 लाख
    • महिला समूहों को लोन: ₹3 लाख तक।
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🛒 ठेली-रेहड़ी व्यवसायियों को सस्ता लोन

 

  • उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से ठेली-रेहड़ी व्यवसायियों को आर्थिक सहायता दी जाएगी:
    • 5% ब्याज दर पर
    • 3 से 5 दिनों के लिए अल्पकालिक लोन उपलब्ध कराया जाएगा।
  • लक्ष्य: मंत्री ने कहा कि जब आम व्यक्ति की आय बढ़ेगी, तभी प्रदेश और देश आत्मनिर्भर बन सकेगा।

 

🌱 मिलेट्स मिशन और मंडुवा खरीद

 

  • मिलेट्स मिशन योजना के तहत किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
  • उत्तराखंड सरकार समितियों के जरिए किसानों से ₹4,800 प्रति क्विंटल की दर से मंडुवा खरीदकर उन्हें बड़ा आर्थिक सहारा दे रही है।
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🎪 सहकारिता मेलों का आयोजन

 

  • सफलता: पौड़ी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जिलों में सहकारिता मेले का आयोजन किया गया, जिसमें 70 हजार से अधिक ग्रामीण शामिल हुए।
  • सराहनीय कार्य: पौड़ी जिले में बंजर भूमि पर फूलों की खेती “वेस्ट से बेस्ट” का उदाहरण बन चुकी है।
  • आगामी मेले: आगामी दिनों में उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, उधमसिंह नगर और चंपावत जिले में भी सहकारिता मेले का आयोजन किया जाएगा।
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