महिला आयोग ने मांगा तीन साल में हुई लड़कियों के शादी का व्योरा

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देवभूमि के पहाड़ी जिलों में बढ़ रहे बाल विवाह के मामलों पर राज्य महिला आयोग ने काफी सख्त रुख अपनाया है, महिला आयोग ने प्रदेश के चार जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर अब तक की बाल विवाह संबंधित प्रकरणों की जानकारी मांगी है, और उनके द्वारा अब तक की गई कार्यवाही का भी लेखा जोखा मांगा है। बता दें कि कुछ दिनों पहले चमोली में एक बाल विवाह का केस सामने आया था, जिसमें उसके साथ काफी अमानवीय व्यवहार भी सामने आया, मामला प्रकाश में आते ही राज्य महिला आयोग ने भी सख्ती दिखाते हुए उन सभी जिलों से जहां बाल विभाग संबंधित प्रकरण उजागर हो रहे हैं से विस्तृत विवरण मांगे। बता दें कि बागेश्वर जिले में भी अब तक बाल विवाह के 9 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, और यह मामले सिर्फ वह है जो कि प्रशासन वह पुलिस के संज्ञान में है, बल्कि जाने ऐसे कितने ही मामले को संज्ञान में आते ही नहीं है।

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राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि पहाड़ के कुछ जिलों में बाल विवाह का सामने आना एक बेहद चिंता का विषय है, इसी उद्देश्य से उन्होंने प्रदेश के 4 जिले चमोली चंपावत पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर के जिला अधिकारियों को आदेश दिए कि समस्त राजस्व क्षेत्र अधिकारियों के माध्यम से सभी ग्राम सभाओं में 2019 से 2021 तक हुई समस्त बालिकाओं की शादी का विवरण जुटाए, उनके जन्म पत्र से उनकी आयु का पता किया जाए, यदि कोई बाल विवाह का केस सामने आता है तो उसके परिवार की पूरी जानकारी जुटाई जाए।