उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस महापर्व में हम सब की भागीदारी एक नैतिक जिम्मेदारी है। मतदान से हम सिर्फ मेयर को ही नहीं चुनते, बल्कि अपनी दिशा व दशा तय करते हैं। वोट से आने वाले परिणाम को हम जनादेश यानी जन का आदेश कहते हैं। जो यह तय करता है कि उनका प्रतिनिधित्व कौन करेगा। इसलिए हर नागरिक का कर्तव्य बढ़ जाता है कि वह मतदान कर अपना प्रतिनिधि चुने। उन्होंने कहा कि मतदान न कर हम औरों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि को अपना प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी दे देते हैं। इसलिए यह हम सब की जिम्मेदारी बनती है कि वोट देकर लोकतंत्र की प्रक्रिया का हिस्सा बनें और मतदान के योगदान से अपने शहर के विकास की दिशा तय करें।
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