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दांव पर शिवसेना का चुनाव चिन्ह, शिंदे गुट ठोकेगा अपना दावा

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महाराष्ट्र में पिछले दो दिनों कई दिनों से जारी सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। शिवसेना के दिग्गज नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद राज्य में उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट मंडरा रहा है। एकनाथ शिंदे कई अन्य बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा जमाए हुए हैं।

विधायकों के बागी तेवर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की चिंता बढ़ा दी है। एक तरफ बागी नेता एकनाथ शिंदे का गुट लगातार मजबूत होता जा रहा है। दूसरी तरफ विधायक एक-एक करके उद्धव ठाकरे से अलग होते दिख रहे हैं।

गुरुवार को शिवसेना विधायकों की मीटिंग में पार्टी के सिर्फ 13 विधायक पहुंचे थे। जबकि महाराष्ट्र में उनके 55 विधायक हैं। यानी यह साफ हो चला है कि बाकी 42 विधायक शिंदे गुट के साथ हैं। इसमें से 37 विधायक शिंदे के पास गुवाहाटी पहुंच भी चुके हैं। यानी अब शिंदे गुट पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा।

शिंदे गुट के 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखी गई है। बैठक में शामिल ना होने पर उनपर कार्रवाई की मांग हुई है। दूसरी तरफ शिवसेना की कार्रवाई की मांग के बदले शिंदे ने डिप्टी स्पीकर और राज्यपाल को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने खेमे में 37 शिवसेना विधायकों के होने का दावा किया है. शिंदे ने खुद को विधायक दल का नेता बताया है।

इस बीच उद्धव ठाकरे आज शिवसेना के जिला प्रमुखों से बात करेंगे। जानकारी के मुताबिक, एकनाथ शिंदे का ग्रुप पार्टी के सिंबल धनुष और बाण पर अपना दावा जताने वाला है। उद्धव ठाकरे पर हिंदुत्व को छोड़ने का आरोप लगाते हुए शिंदे अब बाला साहेब ठाकरे की विरासत, शिवसेना और उसके चुनाव चिन्ह तक पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं।

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