महाराष्ट्र की सियासी जंग हर दिन एक नया मोड़ ले रही है. शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायकों के कार्यालयों में तोड़-फोड़ की खबरें सामने आ रही हैं. शिवसैनिकों ने शिंदे के समर्थक विधायकों के कार्यालयों में जमकर तांडव मचाया है. वहीं इसी बीच एकनाथ शिंदे की एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य के गृह मंत्री और डीजीपी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उनके साथ आए 38 विधायकों के परिवारों के सदस्यों की सुरक्षा को बेहद दुर्भावनापूर्ण तरीके से वापस लिया गया है. उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि अगर इन विधायकों के परिवार के सदस्यों को कोई भी हानि होती है, तो इसके लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार, संजय राऊत और आदित्य ठाकरे पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे.
एकनाथ शिंदे ने अपने खत में यह लिखा है कि पंजाब में विधायकों और नेताओं की सुरक्षा हटाए जाने के बाद क्या हुआ था, इससे हम सभी वाकिफ हैं. साथ ही उन्होंने खत में यह आरोप भी लगाया है कि एमवीए सरकार के विभिन्न नेता अपने-अपने दलों के कार्यकर्ताओं को हिंसा करने के लिए उकसा रहे हैं. उनके इस खत पर 38 बागी विधायकों के भी हस्ताक्षर हैं.
शिंदे ने खत में क्या लिखा?
शिंदे ने यह खत मराठी में लिखा है. इस पांच पन्ने के खत में यह साफतौर पर लिखा गया है कि हम वर्तमान विधायक हैं, इसके बावजूद बदले की भावना दिखाते हुए हमारे परिवारों की सुरक्षा वापस ली गई है. पत्र में लिखा है, “यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है, यह भयावह कदम हमारे संकल्प को तोड़ने का एक और प्रयास है और एनसीपी और कांग्रेस के गुंडों वाली एमवीए सरकार की मांगों को पूरा करने के लिए हमारे हाथ जबरन मरोड़ने की कोशिश है.”
गृह मंत्री ने आरोपों से किया इनकार
इस बीच महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने एकनाथ शिंदे के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा, ‘न तो मुख्यमंत्री और न ही गृह विभाग ने राज्य में किसी विधायक की सुरक्षा हटाने के आदेश दिए हैं. इस संबंध में ट्विटर पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत और भ्रामक हैं.
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