लोकसभा चुनाव को लेकर जहां विपक्षी पार्टियां INDIA के नाम से एकजुट होने की कोशिश में जुटी हुई है, वहीं भारतीय जनता पार्टी अपनी कमजोरियों पर काम कर रही है। माना जाता है कि मुसलमान वोटर्स का झुकाव भाजपा को छोड़कर किसी भी दूसरी पार्टी की तरफ हो सकता है, मगर इस बार के चुनाव में पार्टी मुस्लिम मतदाताओं को साधने में जुट गई है।
इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से हुई है, जहां की 29 मुस्लिम बाहुल्य लोकसभा सीटों पर भाजपा की नजर है। आपको इन सीटों का गुणा-गणित और भाजपा का प्लान समझाते हैं।
पसमांदा मुस्लिमों को आकर्षित करने का बनाया प्लान
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा की निगाहें अब मुस्लिम वोटर्स पर है, इस ओर भाजपा ने अपनी रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। पसमांदा मुसलमानों को साथ लाने के लिए भाजपा चुनावी रणनीति तैयार करने में जुट गई है। भाजपा उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को रिझाने के लिए ‘पसमांदा मुस्लिम स्नेह यात्रा’ आयोजित कर रही है। ये यात्रा देश की राजधानी दिल्ली से शुरू होकर तमाम जिलों तक जाएगी। माना जा रहा है कि भाजपा का ये दांव खास तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए है। इस यात्रा के जरिए वेस्ट यूपी के 11 जिलों में जाकर मुसलमानों से संवाद करने का प्लान है।
भाजपा से मुस्लिमों को जोड़ने की किसे मिली जिम्मेदारी?
पसमांदा स्नेह यात्रा की अगुवाई भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा कर रहा है। इस यात्रा के जरिए मुसलमानों को सरकार की उन योजनाओं से रूबरू कराया जाएगा, जो उसने हित से जुड़ी है। उपलब्धियां गिनाकर मुस्लिमों को चुनाव में साथ देने की अपील की जाएगी। अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्लान का जिक्र करें, तो गाजियाबाद और बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर जिले में भाजपा की ये यात्रा पहुंचेगी। जहां पसमांदा मुस्लिमों के साथ बैठक होगी।
उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड पर भी होगी नजर
ऐसी जानकारी सामने आई है कि भाजपा की ये यात्रा एक दिन के लिए उत्तराखंड के रुड़की में भी जाएगी, हालांकि इसके बाद बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली और फिर शाहजहांपुर के रास्ते होते हुए यूपी के अन्य जिलों की ओर बढ़ जाएगी। भाजपा को ये बात अच्छे से मालूम है कि अगर 2024 में अपनी पकड़ मजबूत रखनी है, तो कोई कोर कसर नहीं छोड़नी होगी। मुस्लिमों को रिझाने के हाल के समय में कई बार ऐसी कोशिशें हो चुकी हैं, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
आखिर क्यों पसमांदा मुसलमानों को साधने में जुटी है भाजपा?
अगर पसमांदा मुसलमानों की बात करें, तो इसमें 20 से अधिक जातियां हैं। जिनमें सैफी, अंसारी, अल्वी, कुरैशी… जैसी कई जातियां शामिल हैं। रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की। जिसके बाद ही उसकी उम्मीद जाग गई। दरअसल, बताया जाता है कि रामपुर लोकसभा सीट पर करीब 45 फीसदी मुस्लिम आबादी है। जहां भाजपा को 42 हजार वोटों से जीत हासिल हुई थी। ऐसे में अब भाजपा की उम्मीद बढ़ गई है और उसे ऐसा लगने लगा है कि मुसलमान वोटर्स उस पर मेहरबान हो सकता है। ओम प्रकाश राजभर ने भी एनडीए में शामिल होने के बाद ये दावा किया था कि इस बार मुसलमान बीजेपी को वोट देने जा रहा है। उनका दावा कितना मजबूत साबित होगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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