हिमालय प्रहरी

डॉक्टर के गलत सिरप और ओवरडोज से 3 साल की बच्ची कोमा में गई, 12 दिन बाद मिली नई जिंदगी

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देहरादून: उत्तराखंड में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक स्थानीय डॉक्टर द्वारा 3 साल की बच्ची को गलत सिरप (जो 4 साल से ऊपर के बच्चों के लिए होता है) और उसकी ओवरडोज (40 से 50 एमएल) देने के कारण उसकी हालत बिगड़ गई और वह कोमा में चली गई। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल और दून अस्पताल के पीकू वार्ड में 12 दिन भर्ती रहने के बाद बच्ची को नई जिंदगी मिली।


🚨 घटना का विवरण

  • पीड़ित: गर्विका (3 साल), भगवानपुर निवासी।

  • शुरुआती इलाज: 29 नवंबर को खांसी, बुखार और जुकाम के चलते परिजनों ने भगवानपुर के एक स्थानीय डॉक्टर को दिखाया।

  • गलत सिरप और ओवरडोज: डॉक्टर ने बच्ची को डेक्सामिथार्पन सिरप लेने का परामर्श दिया।

    • दून अस्पताल के एमएस डॉ. आरएस बिष्ट ने बताया कि यह सिरप 4 साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नहीं देना होता है

    • परिजनों द्वारा इसकी 40 से 50 एमएल डोज दे दी गई, जो ओवरडोज होने के कारण बच्ची की हालत बिगड़ गई।

  • कोमा में जाना: ओवरडोज से बच्ची का पूरा नर्व सिस्टम चोक हो गया और वह कोमा में चली गई।

🏥 दून अस्पताल में सफल उपचार

  • भर्ती: रुड़की और श्रीमहंत इन्दिरेश अस्पताल में 3 दिन भर्ती रहने के बाद, बच्ची को 2 दिसंबर को दून अस्पताल लाया गया।

  • इलाज: दून अस्पताल में उसे बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. तन्वी सिंह, डॉ. आयशा इमरान, डॉ. आस्था भंडारी, और डॉ. कुलदीप की टीम के अधीन पीकू वार्ड में भर्ती किया गया।

  • वेंटिलेटर: बच्ची को चार दिन वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। डॉक्टरों और स्टाफ की कड़ी मेहनत के बाद 10 दिसंबर को बच्ची की हालत सामान्य होने पर उसे डिस्चार्ज किया गया।

⚠️ परिजनों के लिए चेतावनी

एचओडी पीडिया डॉ. अशोक कुमार ने इस घटना के मद्देनजर परिजनों को अलर्ट किया है:

  • विशेषज्ञ को दिखाएं: बच्चों की तबीयत खराब होने पर केवल बाल रोग विशेषज्ञ को ही दिखाना चाहिए।

  • खतरा: झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में पड़ना या खुद मेडिकल स्टोर से दवा खरीदकर देना बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।

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