हिमालय प्रहरी

हल्द्वानी: स्मार्ट मीटर लगने के बाद आया ₹2.62 लाख का बिजली बिल, ऊर्जा निगम जांच में जुटा

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हल्द्वानी: डहरिया स्थित सीएमटी कॉलोनी निवासी भवानी राम को अपने घर में नया स्मार्ट मीटर लगने के पांच महीने बाद ₹2.62 लाख का चौंकाने वाला बिजली बिल मिला है। इससे पहले उनका मासिक बिल ₹1500 से ₹2000 के बीच आता था, लेकिन इस बार दो लाख से अधिक का बिल देखकर वह हैरान रह गए।

उन्होंने तत्काल ऊर्जा निगम से शिकायत की, जिसकी जांच करने पर सामने आया कि यह बिल पुराने मीटर की अत्यधिक रीडिंग के आधार पर जनरेट हुआ है। ऊर्जा निगम और स्मार्ट मीटर लगा रही कंपनी अब पुराने मीटर की एमआरआई (मीटर रीडिंग इमेज) कराने की बात कह रही है, ताकि गड़बड़ी का सही कारण पता चल सके।


क्या है मामला?

जनवरी में भवानी राम के घर में नया स्मार्ट मीटर लगाया गया था। उन्हें इस महीने अचानक ₹2.62 लाख का बिल मिला, जो उनके सामान्य बिल से कहीं ज़्यादा था। मीटर लगा रही कंपनी के स्थानीय अधिकारी हरीश तिवारी ने बताया कि बिल में गड़बड़ी का मामला उनके संज्ञान में आया था।

जांच में सामने आया कि बिजली का पुराना मीटर बदलते समय ली गई रीडिंग और उसके फोटो का मिलान वर्तमान बिल से करने पर पता चला कि पुरानी रीडिंग से ही गणना की गई है।


‘मीटर जंप’ होने की आशंका

हरीश तिवारी ने बताया कि पुराने मीटर में इतनी अधिक रीडिंग कैसे पहुंची, इसकी जांच ऊर्जा निगम स्तर पर होगी। हालांकि, उन्होंने आशंका जताई कि ऐसा ‘मीटर जंप’ होने के कारण हुआ हो सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले पांच महीनों में उपभोक्ता ने केवल 872.5 यूनिट बिजली खर्च की है और बिल उसी के अनुसार जनरेट हुआ है।

अब ऊर्जा निगम इस मामले की गहन जांच कर रहा है ताकि उपभोक्ता को सही बिल मिल सके और भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों को रोका जा सके। यह घटना स्मार्ट मीटरों की विश्वसनीयता और उनके डेटा प्रबंधन पर सवाल उठाती है।

क्या आप जानना चाहेंगे कि ‘मीटर जंप’ क्या होता है और यह कैसे होता है?


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