हरीश रावत ने कहा कि अकेले प्रेमचंद ही नहीं हैं। भाजपा का जो अहंकार है वह प्रेमचंद के शब्दों में निकला। उन्होंने बहुत अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। इस घाव को उत्तराखंड नहीं भूलेगा। जिस तरीके का प्रहार प्रेमचंद के शब्दों ने किया उससे मैं बहुत दुखी हूं। यदि उन्होंने वाकई इस्तीफा दे दिया है तो शायद वह बड़ी बदनामी से बच गए हैं, लेकिन जनता भाजपा को माफ नहीं करेगी।
गौरतलब है कि बीते दिनों विधानसभा में बजट सत्र के दौरान पहाड़ी लोगों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी को लेकर प्रेमचंद अग्रवाल का लगातार विरोध हो रहा था। विपक्षी दल उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे थे। सीएम पुष्कर सिंह धामी को अपना इस्तीफा सौंपते हुए प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में फफकते हुए राज्य आंदोलन में अपने योगदान को बताया। उन्होंने कहा कि जो सदन में बयान दिया था, उस पर उसी दिन सफाई भी दे दी थी। मेरे भाव बिल्कुल गलत नहीं थे।
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