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राजपुर रोड दुर्घटना के बाद एक्शन में उत्तराखंड पुलिस: थानाध्यक्ष निलंबित, सभी थानेदारों का होगा ‘ऑडिट

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देहरादून: राजपुर रोड पर बुधवार रात को राजपुर थानाध्यक्ष शैंकी कुमार द्वारा शराब के नशे में अपनी कार से कई वाहनों को टक्कर मारने की घटना के बाद उत्तराखंड पुलिस प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। थानाध्यक्ष शैंकी कुमार को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल होने और पुलिस के आचरण पर सवाल उठने के बाद, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने जिले के सभी थाना प्रभारियों का ऑडिट कराए जाने की बड़ी घोषणा की है।


 

आचरण और जिम्मेदारी के लिए होगा ऑडिट

 

आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने बताया कि पुलिसकर्मियों के व्यवहार और कामकाज में सुधार लाने के लिए यह कदम उठाया गया है:

  • ऑडिट का उद्देश्य: ऑडिट में थानाध्यक्षों के आचरण, सार्वजनिक व्यवहार और जिम्मेदारी की भावना का मूल्यांकन किया जाएगा।
  • पैनल: यह ऑडिट तेज तर्रार अधिकारियों के पैनल द्वारा किया जाएगा।
  • परिणाम: ऑडिट में सफल होने वाले थाना प्रभारियों का पदभार यथावत रहेगा, जबकि खामियां मिलने की स्थिति में उनका प्रभार हटा दिया जाएगा

आईजी ने गुरुवार सुबह एसएसपी के साथ मिलकर जिले के सभी एसपी, सीओ, प्रभारी निरीक्षक और थानाध्यक्षों के साथ बैठक की और चेतावनी दी कि सभी पुलिसकर्मी अपने आचरण एवं व्यवहार में सुधार लाएं।


 

निलंबित थानाध्यक्ष पर मुकदमा और जांच

 

एसएसपी ने घटना को गंभीरता से लेते हुए निलंबित थानाध्यक्ष शैंकी कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

  • जांच अधिकारी: मामले की जांच एसपी ट्रैफिक लोकजीत सिंह को सौंपी गई है।
  • कठोर कार्रवाई के साक्ष्य: आईजी ने बताया कि शैंकी कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए, उनके मेडिकल परीक्षण के सैंपल को एफएसएल लैब में भेजा जाएगा, ताकि पुख्ता साक्ष्य एकत्र किए जा सकें।

 

फोन न उठाने पर भी होगी कार्रवाई

 

आईजी ने पुलिसकर्मियों की लापरवाही से जुड़ी एक और शिकायत पर भी संज्ञान लिया। उन्होंने बताया कि कई थाना प्रभारियों के फोन नहीं उठाने की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने कंट्रोल रूम प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि वे सभी थाना प्रभारियों को समय-समय पर कॉल करके यह सुनिश्चित करें कि वे फोन उठाएं। फोन न उठाने वाले थानाध्यक्षों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब 14 मई को विजिलेंस टीम ने तत्कालीन आईएसबीटी चौकी प्रभारी देवेश खुगशाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था, जिससे देहरादून पुलिस की छवि पहले से ही सवालों के घेरे में थी।

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