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नर्सिंग होम की बड़ी लापरवाही: महिला के पेट में पट्टी का गोज छोड़ने का आरोप, मौत के बाद परिजनों का हंगामा

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देहरादून: देहरादून के एक नर्सिंग होम की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है, जहाँ प्रसव के दौरान एक महिला के पेट में पट्टी का गोज (बैंडेज) छोड़ने का गंभीर आरोप लगा है। रविवार रात महिला की मौत होने के बाद, गुस्साए परिजनों ने मंगलवार सुबह डालनवाला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आराघर स्थित नर्सिंग होम के बाहर शव रखकर जमकर हंगामा किया।


 

घटना का विवरण और आरोप

 

  • मृतक: ज्योति (26 वर्ष) पत्नी प्रज्वल, निवासी लक्खीबाग, देहरादून।
  • प्रसव और लापरवाही: महिला की डिलीवरी 29 जनवरी 2025 को देहरादून के एक केयर सेंटर (नर्सिंग होम) में हुई थी, जहाँ उसने बेटे को जन्म दिया।
  • पेट दर्द: डिलीवरी के एक सप्ताह बाद ही महिला के पेट में दर्द शुरू हो गया। परिजनों ने उसी सेंटर पर दिखाया, जहाँ जाँच के बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई।
  • चौंकाने वाला खुलासा: बाद में महिला को ग्राफिक एरा अस्पताल में रेफर किया गया। वहाँ जाँच में चौंकाने वाली बात सामने आई कि महिला के पेट में बहुत बड़ी पट्टी का गोज था, जिसके चलते महिला को गंभीर इन्फेक्शन हो गया था।
  • मौत: शनिवार को निजी अस्पताल में महिला का ऑपरेशन हुआ और पट्टी का गोज निकाला गया, लेकिन इन्फेक्शन के कारण रविवार रात को महिला की मौत हो गई।

 

परिजनों का हंगामा और पुलिस कार्रवाई

 

  • महिला की मौत के बाद आज सुबह परिजन उसका शव उसी केयर सेंटर के बाहर लेकर पहुँचे और नर्सिंग होम के बाहर शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया।
  • हंगामे की सूचना पर पुलिस बल और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुँचे।
  • एसीएमओ डॉ. प्रदीप राणा ने परिजनों से कई घंटों तक बातचीत की और उन्हें समझाने के बाद परिजन शव को पोस्टमार्टम की कार्रवाई के लिए अस्पताल लेकर गए।

 

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

 

एसीएमओ देहरादून डॉ. प्रदीप राणा ने इस मामले में बताया कि:

“चूंकि महिला का इलाज नर्सिंग होम में चल रहा था, इसलिए जब तक जाँच होती है, तब तक नर्सिंग होम का सीए का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाता है।”

“जाँच के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें विभागीय और उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल कमेटी जाँच करेगी। जाँच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।”

यह घटना नर्सिंग होम की बड़ी लापरवाही की ओर इशारा करती है, जिससे चिकित्सा जगत में हड़कंप मच गया है।

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