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आंगनबाड़ी और राज्य आंदोलनकारियों को मुद्दा बना हरीश रावत ने सरकार को घेरा

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देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर सनसनी फैला दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक ताजा पोस्ट करते हुए आगनबाड़ी और राज्य आंदोलनकारियों के बहाने राज्य सरकार पर हमला बोला है.

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पूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि प्रदेश कांग्रेस के पदयात्रा कार्यक्रम के तहत जिसमें हम लोगों से अपेक्षा की गई है कि हम रात्रि-विश्राम गांव में करें और चौपाल लगाएं मैंने कल, जिसको कालाढूंगी के पास में ज्यादातर लोग कॉर्बेट गांव के नाम से जानते हैं, यह बंदोबस्ती गांव है, वहां अपने कांग्रेस के एक भाई के घर में मैंने रात्रि विश्राम किया. बहुत आनंददायक वातावरण है, बड़ी अच्छी चौपाल हुई, बड़े अच्छे कीर्तन-भजन सुने, मन बहुत प्रफुल्लित है.

वर्तमान सरकार अपने जाने के दिनों में कुछ दरियादिली दिखा रही है. चलिए जाने के बहाने ही सही कुछ कर तो रही है. मगर मैं इतना जरूर कहना चाहता हूं कि राज्य आंदोलनकारी और पारिवारिक पेंशन के हकदार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितगणों की पेंशन राशि में इतनी तो बढ़ोत्तरी की जाए (जिसमें पत्रकार साथी भी सम्मिलित हैं) कि वो सम्मानजनक लगे. हमने तो शुरुआत ही पेंशन से की थी. आप तो 5 साल में उसमें ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ के बराबर भी वृद्धि नहीं कर सके. यही हालत आंगनबाड़ी, भोजन माताओं व आशा बहनों के मानदेय में है.

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इन वर्गों को कोई चिंता करने की जरूरत नहीं, उनका भाई जब तक नीतियों को कंट्रोल करने या उनको प्रभावित करने की स्थिति में रहेगा, हम उनके मानदेय को, उनकी पेंशन राशि को सम्मानजनक स्तर तक बढ़ाएंगे और यह काम सत्ता में आने के दूसरे वर्ष में करेंगे.

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