हिमालय प्रहरी

उत्तराखंड कांग्रेस में लोकसभा चुनाव लड़ने से बड़े नेताओं ने बनाई दूरी,प्रत्याशी चयन में खड़ा हो सकता है संकट

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव से पहले प्रत्याशी चयन में संकट खड़ा होता जा रहा है। कांग्रेस के लिए पांच में से कई सीटों पर बड़े दावेदार नहीं मिल रहे हैं। जिससे पार्टी भाजपा को चुनाव में कैसे टक्कर देगी।

ये बड़ा सवाल है। सबसे बड़ी मुश्किल कांग्रेस के लिए टिहरी सीट पर हो सकती है।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष​ प्रीतम सिंह ने टिहरी सीट से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। हालांकि केंद्रीय नेतृत्व किसको टिहरी से प्रत्याशी बनाता है। इसके​ लिए अभी इंतजार करना होगा। टिहरी से कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री नवप्रभात, शूरवीर सिंह सजवाण,महिला नेता सुनीता प्रकाश की दावेदारी भी है। ऐसे में टिहरी सीट से कांग्रेस के लिए प्रत्याशी चयन आसान नहीं होगा।

प्रीतम सिंह इससे पहले टिहरी से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। साथ ही उनका अनुभव पार्टी के लिए चुनाव में काफी जरूरी माना जा रहा है। ऐसे में चुनाव लड़ने से इनकार करने से पार्टी के सामने चुनौती खड़ी हो सकती है।

उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटें हैं, हरिद्वार, टिहरी, गढ़वाल, अल्मोड़ा और उधमसिंह नगर। कांग्रेस में सबसे ज्यादा दावेदारी हरिद्वार सीट को लेकर है। यहां से कांग्रेस के सीनियर नेता हरीश रावत और उनके बेटे वीरेंद्र रावत की दावेदारी है।

इसके साथ ही पूर्व मंत्री हरक सिंह भी हरिद्वार और पौड़ी से टिकट पर दावा ठोक रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का भी ​हरिद्वार और नैनीताल से नाम चर्चा में है। सीनियर नेताओं में गढ़वाल सीट से गणेश गोदियाल का भी नाम टिकट की दावेदारी में चल रहा है।

दरअसल कांग्रेस पांचों सीट पर बड़े चेहरों को चुनाव लड़ाना चाह रही है। लेकिन कांग्रेस के सीनियर नेता दावेदारी से पीछे हट रहे हैं। सीनियर नेताओं की दावेदारी से पीछे हटने की वजह को लेकर भी कई तरह की चर्चा है। एक तरफ भाजपा से एक सीट पर कई बड़े चेहरे दावेदारी करते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में पीछे हटने से मुश्किलें खड़ी हो सकती है।

Exit mobile version