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हरिद्वार में तांत्रिक क्रियाओं के शक में BSF जवान के पिता की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

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हरिद्वार: हरिद्वार पुलिस ने बीएसएफ जवान के पिता कंवरपाल की हत्या का खुलासा कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। आरोपी ने बताया कि उसे शक था कि कंवरपाल की तांत्रिक क्रियाओं के कारण उसके बेटे की मौत हुई थी, इसीलिए उसने उसकी हत्या कर दी। यह सनसनीखेज मामला रुड़की की सिविल लाइन कोतवाली के टोडा कल्याणपुर गाँव का है।


 

क्या है पूरा मामला?

 

गुरुवार, 24 जुलाई की रात रुड़की सिविल लाइन कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि टोडा कल्याणपुर गाँव निवासी 60 वर्षीय कंवरपाल की किसी ने हत्या कर दी है। सूचना मिलते ही रुड़की के सीओ नरेंद्र पंत और कोतवाली पुलिस मौके पर पहुँचे। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए और पंचनामा भरकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

पुलिस के अनुसार, मृतक के शरीर पर चाकुओं से कई वार किए गए थे, और उसका एक हाथ भी कटा हुआ था।


 

आरोपी ने किया सरेंडर, हत्या में इस्तेमाल चाकू बरामद

 

पुलिस ने मामले की जाँच शुरू की, तो ओमवीर उर्फ ओमी और उसके कुछ साथियों का नाम सामने आया। मृतक के बेटे की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगा दीं।

पुलिस की तलाश के दौरान, आरोपी ओमवीर उर्फ ओमी (53 वर्ष) निवासी टोडा कल्याणपुर ने खुद थाने पहुँचकर सरेंडर कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किए गए चाकू को भी बरामद कर लिया।


 

तंत्र-मंत्र के शक में की हत्या

 

पुलिस पूछताछ में आरोपी ओमवीर ने बताया कि कुछ साल पहले उसके बेटे की मौत हो गई थी। उसे शक था कि उसके बेटे की मौत के पीछे कंवरपाल का हाथ है, क्योंकि वह तांत्रिक क्रियाएँ किया करता था। हत्या से दो दिन पहले ओमवीर और कंवरपाल का इसी बात को लेकर झगड़ा भी हुआ था। हालाँकि, तब मामला शांत हो गया था, लेकिन ओमवीर अपने बेटे की मौत के लिए कंवरपाल को ही जिम्मेदार मानता रहा।

ओमवीर ने बताया कि उसने कंवरपाल को मारने की योजना बनाई। योजना के अनुसार, उसने काली माता मंदिर से गाँव जाने वाले रास्ते पर कंवरपाल को रोका और चाकू से उस पर कई वार किए, जिससे कंवरपाल की मौत हो गई। इसके बाद वह मौके से फरार हो गया था।

क्या आपको लगता है कि समाज में अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र जैसी प्रथाएँ ऐसी आपराधिक घटनाओं का मुख्य कारण हैं?

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