उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की और उन्हें राज्य में किए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों की अद्यतन जानकारी दी।
इस अवसर पर धामी ने मोदी को बागेश्वर में बने ताम्र शिल्प पर आधारित उत्पाद तथा उत्तराखंड की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की गई सामग्री भेंट की। वहीं, प्रधानमंत्री ने राज्य की महिलाओं के प्ररिश्रम की सराहना की तथा उनका आभार व्यक्त किया।
धामी ने मोदी द्वारा उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन बताए जाने के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी (प्रधानमंत्री की) अपील के बाद उत्तराखंड में शादियों के लिए देश विदेश से बड़ी संख्या में लोगों द्वारा बुकिंग की जा रही है। इससे राज्य के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
उत्तराखंड में वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित किए जाने के लिए 150 करोड़ रुपए के निवेश भी प्राप्त हुए हैं। इस दौरान धामी ने मोदी से कर्णप्रयाग-ग्वालदम मार्ग में सीमा सड़क संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यों में तेजी लाने, पर्यटन और सैन्य आवगमन तथा आम जनमानस के लिए अत्यन्त उपयोगी 189 किलोमीटर काठगोदाम-भीमताल, ध्यानाचुली-मोरनोला-खेतीखान- लोहाघाट-पंचेश्चर मोटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित करने एवं मानसखंड मन्दिर माला परियोजना के अन्तर्गत मानसखंड मन्दिरों को जोड़ने वाले 20 मार्गों हेतु 01 हजार करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों एवं पर्यटकों को मानसखंड मन्दिर माला के दर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गढ़वाल तथा कुमायूं को जोड़ने वाले मार्गों का उच्चीकरण किया जाना आवश्यक है। उन्होंने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि मानस खंड मन्दिर माला मिशन के अन्तर्गत, चिन्हित 48 पौराणिक मन्दिरों में से 16 मन्दिरों में अवस्थापना विकास के कार्य शुरू हो चुके हैं।
जागेश्वर धाम हेतु 150 करोड़ रुपए का मास्टर प्लान बनाया गया है। उन्होंने मानस खंड मन्दिरों के प्रचार-प्रसार हेतु ‘भारत गौरव मानस खंड एक्सप्रेस” ट्रेन देश के विभिन्न स्थानों से उत्तराखंड के काठगोदाम, टनकपुर रेलवे स्टेशनों के लिए संचालित किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि मानस खंड मंदिर माला मिशन के अन्तर्गत, कुमाऊं क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पूर्णागिरी धाम को विकसित करने के लिए शारदा कॉरिडोर के विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मानसखंड माला मिशन के अन्तर्गत कुमाऊं क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम के विकास हेतु मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
पिथौरागढ़ स्थित सीमान्त गांव गुंजी (आदि कैलाश क्षेत्र) को अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किए जाने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि गुंजी को ”शिव नगरी” थीम के आधार पर विकसित किए जाने हेतु छह घटक, कला संस्कृति, कौशल, ज्ञान, ध्यान, विज्ञान तथा विश्राम, में विभाजित किया गया है। प्रथम चरण में स्वदेश दर्शन योजना-2.0 के अन्तर्गत गुंजी में साधना केन्द्र, ईको ट्रेल, संसाधन केन्द्र, हेरिटेज ग्राम विकसित करना और साहसिक गतिविधियां प्रस्तावित हैं। राज्य सरकार द्वारा गुंजी तथा आदि कैलाश एवं ओम पर्वत के लिए हेली सेवाएं उपलब्ध करवाए जाने हेतु सर्वे कर लिया गया है।
धामी ने कहा कि काशी-विश्वनाथ की तर्ज पर हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर विकसित करने का कार्य नव गठित उत्तराखंड निवेश एवं आधारिक संरचना बोर्ड (यूआईआईडीबी) द्वारा किया जाएगा। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु पीपीपी मोड में सात हेलीपोर्ट तैयार करने का प्रस्ताव है, जिसमें से दो हेलीपोर्ट हेतु भूमि चिन्हित कर ली गई है। प्रारम्भिक चरण में हरिद्वार एवं देहरादून में हेलीपोर्ट तैयार किए जाने प्रस्तावित हैं।
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