उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पीएम मोदी से हुई मुलाकात के बाद धामी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को आदि कैलाश और चारधाम यात्रा में आने का न्योता दिया है.
पीएम मोदी के साथ हुई इस मुलाकात की जानकारी देते हुए उत्तराखंड सीएमओ की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि ‘मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास के लिए जमरानी बांध परियोजना की स्वीकृति सहित विभिन्न बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं और पूंजी परियोजनाओं के लिए विशेष सहायता योजनाओं के लिए भारत सरकार के व्यापक समर्थन के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया.’
जोशीमठ भूधंसाव के पीड़ितों के लिए राहत पैकेज पर की बात
सीएम ऑफिस ने साथ ही बताया कि ‘चमोली के जोशीमठ क्षेत्र में भूस्खलन पीड़ितों के राहत एवं विस्थापन कार्यों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भूस्खलन एवं भूधंसाव के लिए 2942.99 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की आवश्यकता है. उक्त पैकेज में 150 प्री-फैब्रिकेटेड मकानों का निर्माण, स्थल विकास कार्य, प्रभावित भत्ता अस्थायी राहत एवं प्रभावितों को आवास के लिए महत्वपूर्ण है.’
दरअसल सीएम पुष्कर सिंह धामी सोमवार को दिल्ली पहुंचे थे. यहां उन्होंने संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट की. बिरला और धामी के बीच विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी उपस्थित रहे.
22 अप्रैल से शुरू होगी चारधाम यात्रा
बता दें कि 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी. इसके बाद 25 अप्रैल को केदारनाथ और 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे.
सीएम धामी ने इस चारधाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता को खत्म करने के आदेश दिए है. चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर एक बैठक में धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चारों धामों के दर्शन के लिए जाने वाले स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त की जाए.
दरअसल धामों के तीर्थ-पुरोहित पिछले काफी समय से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं खासतौर से स्थानीय तीर्थयात्रियों के पंजीकरण को समाप्त करने की मांग कर रहे थे, जिसके बाद सीएम धामी ने यह आदेश दिया.
सीएम धामी ने इसके साथ ही निर्देश दिया कि श्रद्धालुओं से जो भी आवश्यक जानकारी लेनी है, केवल एक बार राज्य के प्रवेश बिंदु पर ली जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें कोई परेशानी नहीं हो. उन्होंने यात्रा मार्ग में आने वाले पार्किंग स्थलों पर वाहन चालकों के रहने एवं सोने की व्यवस्था करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए
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