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सी.पी. राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति चुने गए

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नई दिल्ली: एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन भारत के 17वें उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। मंगलवार को हुए चुनाव में उन्होंने विपक्ष के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के बड़े अंतर से हराया। निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी ने परिणामों की घोषणा करते हुए बताया कि राधाकृष्णन को 452 प्रथम वरीयता के मत मिले, जबकि रेड्डी के पक्ष में 300 वोट पड़े।


 

वोटिंग में कांग्रेस का दावा, 15 वोट अमान्य

 

वोटिंग खत्म होने के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया था कि विपक्ष पूरी तरह से एकजुट रहा और उसके सभी 315 सांसदों ने वोट डाला। हालाँकि, नतीजों में विपक्ष को 300 वोट मिले, जिससे यह सवाल खड़ा हो गया कि 15 वोट कहाँ खिसक गए। दिलचस्प बात यह है कि इस चुनाव में 15 वोट अमान्य भी पाए गए, जो अमूमन गलत पेन का इस्तेमाल करने से होता है।


 

98% से अधिक मतदान, इन नेताओं ने डाला वोट

 

इस चुनाव में कुल 769 सांसदों ने मतदान किया, जो 98% से अधिक रहा। सुबह 10 बजे शुरू हुए मतदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले वोट डाला। उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और जेल में बंद सांसद इंजीनियर रशीद ने भी वोट डाला। बीजू जनता दल (बीजद), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया था।


 

क्यों हुए उपराष्ट्रपति चुनाव?

 

यह चुनाव तब आयोजित हुआ, जब पिछले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए दो साल का कार्यकाल शेष रहते इस्तीफा दे दिया था। इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से थे, जहाँ राधाकृष्णन तमिलनाडु से और रेड्डी तेलंगाना से थे।


 

कौन हैं सी.पी. राधाकृष्णन और सुदर्शन रेड्डी?

 

  • सी.पी. राधाकृष्णन: एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन तमिलनाडु के एक प्रमुख ओबीसी समुदाय गौंडर से आते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं। वह 1998 और 1999 में कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद चुने गए थे। वे झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे हैं।
  • सुदर्शन रेड्डी: विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और गोवा के लोकायुक्त रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लड़ने के लिए बनी ‘सलवा जुडूम’ को असंवैधानिक घोषित किया था और विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए एसआईटी के गठन का भी आदेश दिया था।
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