
राजू अनेजा, काशीपुर।राज्यभर में फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने वाले नेटवर्क पर धामी सरकार की सख्ती का असर काशीपुर में भी दिखा। जिलाधिकारी के निर्देश पर मंगलवार को प्रशासन की टीम ने चार कॉमन सेवा केंद्रों पर अचानक छापेमारी कर दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया की गहन जांच की। जांच के दौरान खान साइबर कैफे में गंभीर अनियमितताएँ सामने आने पर केंद्र को मौके पर ही सील कर दिया गया। कार्रवाई से क्षेत्र के सभी CSC संचालकों में हड़कंप मच गया।
चार केंद्रों की जांच, एक सील—तीन को नोटिस
एसडीएम अभय प्रताप सिंह की अगुवाई में की गई इस कार्रवाई में पाया गया कि खान साइबर कैफे पर दस्तावेज़ तैयार करने, पहचान सत्यापन और रिकॉर्ड संभालने में भारी लापरवाही बरती जा रही थी। टीम ने मौके पर ही केंद्र को बंद कर सील कर दिया।
अन्य तीन केंद्रों में भी कई खामियां पाई गईं, जिन पर प्रशासन ने अभिलेख दुरुस्त करने के लिए तीन दिन का समय दिया है। टीम ने निर्देश दिया कि निर्धारित समय में सभी रिकॉर्ड अपडेट कर प्रस्तुत किए जाएं, अन्यथा कार्रवाई तय है।
5 साल का पूरा डाटा मांगा, छानबीन शुरू
तहसील प्रबंधन ने सभी कॉमन सेवा केंद्रों से पिछले पाँच वर्षों का संपूर्ण डेटा जमा कराने को कहा है। यह डेटा अब राजस्व व तकनीकी विशेषज्ञों की टीम द्वारा जांचा जाएगा।
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि यदि किसी भी प्रमाण पत्र या दस्तावेज़ में फर्जीवाड़ा, गलत पहचान, या अवैध प्रक्रिया पाई जाती है तो संबंधित संचालक और लाभार्थी दोनों पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
धामी सरकार का स्पष्ट संदेश—ढिलाई बर्दाश्त नहीं
फर्जी प्रमाणपत्रों का मामला राज्य में गंभीर रूप लेता दिख रहा है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी पाई गई तो तुरंत एक्शन लिया जाए।
काशीपुर में हुई यह कार्रवाई भी इसी अभियान का हिस्सा है। प्रशासन का कहना है कि यह तो सिर्फ शुरुआत है—आने वाले दिनों में और भी केंद्रों की जांच होगी।
कार्रवाई में शामिल अधिकारी
निरीक्षण टीम में उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह, तहसीलदार पंकज चंदोला, राजस्व उप निरीक्षक गौरव चौहान, रोहित शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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