देहरादून: उत्तराखंड राज्य कर विभाग की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन विंग (SIB) ने मंगलवार को देहरादून में करोड़ों रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) घपले का भंडाफोड़ किया है। आयरन और स्टील कारोबार से जुड़ी एक फर्म में यह टैक्स चोरी कई सालों से चल रही थी।
फर्जीवाड़ा ऐसे आया सामने
जांच में पता चला कि फर्म ने नकदी में टैक्स देने से बचने के लिए माल की वास्तविक आपूर्ति प्राप्त किए बिना ही केवल आईटीसी लाभ के लिए फर्जीवाड़ा किया। यह काम पिछले कुछ सालों से चल रहा था। इसमें ऐसे वाहनों से माल की आपूर्ति होना दिखाया जा रहा था, जो कभी टोल प्लाजा से गुजरे ही नहीं। हैरानी की बात तो यह है कि कई ई-वे बिल में भारी वाहनों के नंबर दर्शाए गए थे, लेकिन जांच में वे नंबर ई-रिक्शा, कार और थ्री-व्हीलर के निकले, जिनमें बाहर से देहरादून में 15-20 टन माल की सप्लाई दर्शाई गई थी। जिन तिथियों पर माल की सप्लाई बताई गई थी, उन पर वाहनों की लोकेशन देहरादून में थी ही नहीं।
फर्म ने मानी गलती, ₹1.35 करोड़ जमा कराए
जांच में पांच करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी लाभ लेने की पुष्टि हुई है। फर्म ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए मौके पर ही ₹1.35 करोड़ जमा करवा दिए हैं। डिप्टी कमिश्नर एसआईबी अजय बिरथरे ने बताया कि बाकी रकम वसूली की कार्यवाही की जा रही है।
राज्य कर आयुक्त सोनिका के निर्देश पर, राज्य जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर गढ़वाल जोन पीएस डुंगरियाल और ज्वाइंट कमिश्नर एसआईबी अजय कुमार के नेतृत्व में टीम ने आयरन और स्टील कारोबार से जुड़ी फर्म पर छापेमारी की। टीम में डिप्टी कमिश्नर डी.आर. चौहान, योगेश मिश्रा, सुरेश कुमार, असिस्टेंट कमिश्नर टीका राम चन्याल, पूनम राजपूत, अमित कुमार और राज्य कर अधिकारी असद अहमद, कंचन थापा, भूपेन्द्र सिंह जंगपांगी आदि शामिल रहे।
यह कार्रवाई राज्य में टैक्स चोरी रोकने और टैक्स वसूली बढ़ाने के विभाग के प्रयासों को दर्शाती है।
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