मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की है. लेकिन कमान किसके हाथ में सौंपी जाए, इसका चुनाव होना बाकी है. हालांकि कांग्रेस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के तौर पर रेवंत रेड्डी के नाम पर मुहर लगा दी है, लेकिन बीजेपी की तरफ से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगनी बाकी है.
बता दें कि मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री आवास पर 4 घंटे तक एक अहम बैठक चली. इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए. बताया गया कि इस बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर भी चर्चा हुई है. अब चर्चा से क्या निकलकर आएगा, ये देखना दिलचस्प होगा.
तीनों राज्यों में ये नाम सीएम पद की रेस में
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह अभी मुख्यमंत्री हैं, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह तीन बार सीएम रहे और वसुंधरा राजे राजस्थान में 2 बार मुख्यमंत्री रहीं. तीनों पुराने और बड़े चेहरे हैं. सबसे पहले बात मध्य प्रदेश की. यहां शिवराज सिंह चौहान, प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर और वीडी शर्मा का नाम सीएम फेस की चर्चा में हैं. जबकि छत्तीसगढ़ से रमन सिंह, अरुण साव, विष्णुदेव साय, ओपी चौधरी, रेणुका सिंह को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. उधर, राजस्थान में चर्चा है कि पार्टी वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ, दीया कुमारी, अर्जुन राम मेघवाल, अश्विनी वैष्णव और गजेंद्र सिंह शेखावत में से किसी एक को सीएम बना सकती है.
बीजेपी का लोकसभा चुनाव पर भी फोकस
इन नामों के बीच से मुख्यमंत्री के चेहरे का फैसला आज शाम तक होगा या और लंबा वक्त लगेगा. इन सारे सवालों की वजह है कुछ महीनों बाद होने वाला लोकसभा का चुनाव. जानकारी के मुताबिक 2024 के चुनाव की कसौटी पर जो मुख्यमंत्री विधानसभा में मिली जीत के बाद तीन राज्यों की 65 सीटें दिलाने वाली ताकत पर खरा उतरने की क्षमता रखेगा. क्या वही मुख्यमंत्री बनेगा?
क्या फिर कोई सरप्राइज देंगे पीएम मोदी?
राजनीति के जानकार कयास लगा रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से कोई नया सरप्राइज देने वाले हैं. क्योंकि फैसला प्रधानमंत्री को ही करना है. जो चुनाव में सिर्फ कमल को चेहरा बताते हुए तीन राज्यों की जीत पार्टी को दिला चुके हैं. पीएम मोदी ने हाल ही में एक रैली में कहा था कि हमारा एक ही चेहरा है, और वो चेहरा है कमल.
ये फैक्टर कर सकते हैं बड़ा काम
क्या महिला वोटर की बढ़ती ताकत को देखते हुए महिला चेहरे को तवज्जो देकर मुख्यमंत्री बनाया जाएगा?
– आदिवासी वोटर के बीजेपी के साथ बढ़ते जुड़ाव को देखकर आदिवासी फॉर्मूले के साथ कोई मुख्यमंत्री बनेगा?
– पिछड़े-दलित-साधारण परिवार के खांचे से क्या कोई चेहरा सीएम पद में फिट बैठेगा ?
– क्या मुख्यमंत्री चुनने में करंट स्ट्रेंथ से डिजायर्ड स्ट्रेंथ देने वाला चेहरा मुख्यमंत्री होगा ?
– कुछ ही महीने में 2024 का चुनाव जिताने का माद्दा रखने वाला और विधानसभा में वोट देने वाली जनता की उम्मीदों पर जो खरा उतरे वही मुख्यमंत्री बनेगा?
– क्या तीन राज्यों से आने वाली 65 लोकसभा सीटों को ध्यान में रखकर आगामी लोकसभा चुनाव के तहत फॉर्मूला नंबर ’65’ के तहत मुख्यमंत्री चुना जाएगा?
इन कसौटियों पर परखेगी पार्टी!
राजस्थान में वसुंधरा राजे 2 बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. दावा है कि वह 68 विधायकों से बात कर चुकी हैं. खबर है कि 28 विधायक वसुंधरा से आकर मुलाकात भी कर चुके हैं. राजस्थान में सीएम कोई भी हो, अगर इनमें से एक चेहरे को मुख्यमंत्री के लिए चुना जाएगा तो फॉर्मूला 2024 का देखा जाएगा. दरअसल, राजस्थान में 25 लोकसभा सीट हैं. बीजेपी ने 2019 में राज्य में सरकार ना होने पर भी सभी सीटें जीती थीं. इस बार सरकार है. ऐसे में अगले कुछ महीने में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले हाईकमान रत्ती भर गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहता. इसीलिए मुख्यमंत्री ऐसा चाहिए, जिसके जरिए प्रदेशभर में सकारात्मक संदेश जाए. जिसकी जाति के नाम पर पकड़ मजबूत हो. जिसके चुने जाने से दूसरी जातियों का विरोध भी ना हो. सरकार-संगठन में सामंजस्य बैठाने में जो महारथी हो. योजनाओं को कम समय में लागू कराने में कारगर हो. जनता तक योजना पहुंचने-पहुंचाने में किंतु-परंतु ना करता हो. जो बढ़कर वोट डालते वोटर में उत्साह कम ना होने दे.
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