हिमालय प्रहरी

गुलदार का आतंक जारी: रुड़की के युवक पर हमला, हालत गंभीर

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पौड़ी: उत्तराखंड के श्रीनगर क्षेत्र में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार सुबह गंगा दर्शन क्षेत्र से आगे पौड़ी रोड पर एक 32 वर्षीय युवक संदीप कुमार (निवासी रुड़की, हरिद्वार) पर गुलदार ने अचानक हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। संदीप पिछले कुछ समय से श्रीनगर में ही रह रहा था। उसे आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। इस घटना से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।


 

शौच के लिए जाते वक्त हुआ हमला

 

बताया जा रहा है कि संदीप सुबह के समय शौच के लिए जा रहा था, तभी झाड़ियों में छिपे गुलदार ने उस पर झपट्टा मारा और गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुँचे और घायल संदीप को तुरंत संयुक्त अस्पताल श्रीनगर पहुँचाया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे श्रीकोट स्थित बेस अस्पताल रेफर कर दिया है, जहाँ उसका सीटी स्कैन कर उपचार जारी है। चिकित्सकों के अनुसार, युवक के शरीर पर गहरे पंजों के निशान हैं और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।


 

पहले भी हो चुके हैं हमले, लोगों में डर और आक्रोश

 

यह पहली बार नहीं है जब इस इलाके में गुलदार ने हमला किया हो। स्थानीय निवासियों के अनुसार, पहले भी दो लोगों पर गुलदार हमला कर चुका है। ये दोनों घटनाएँ शाम के समय हुई थीं, जब लोग सैर के लिए निकले थे। लगातार हो रहे इन हमलों से स्थानीय जनता में डर और आक्रोश बढ़ गया है। लोग अब अकेले सुनसान इलाकों में जाने से परहेज कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से जल्द से जल्द गुलदार के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।

श्रीनगर में गुलदार का आतंक लंबे समय से बना हुआ है। बीते दिनों गंगा दर्शन क्षेत्र में भी दो अलग-अलग लोगों पर गुलदार ने हमला किया था, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि दोनों घटनाएँ एक ही स्थान पर और लगभग एक ही समय पर हुई थीं। गुलदार के डर से बच्चे, महिलाएँ और बुजुर्ग शाम होते ही गंगा दर्शन क्षेत्र में जाने से बचते दिखाई दे रहे हैं, और उनका अकेले बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।


क्या वन विभाग को ऐसे मामलों में गुलदार को पकड़ने या हटाने के लिए और सख्त कदम उठाने चाहिए?

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