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हरिद्वार के लोगों ने मुझे हरिद्वारी लाल बना दिया – हरीश रावत

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हल्द्वानीः आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अभी से सियासी पारा चढ़ने लगा है. लोकसभा चुनाव में पहाड़ की सियासत कैसी रहेगी? यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन कांग्रेस का दावा है कि वो लोकसभा चुनाव के हिसाब से खुद को बेहद मजबूत करने में जुटी है और जमीनी स्तर पर काम कर रही है. कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने चार नेताओं के नाम लेते हुए उन्हें चतुर्भुज बताया है. इसके अलावा उन्होंने हरिद्वार सीट से चुनाव लड़ने के सवाल पर भी जवाब दिया.

नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा सीट पर हरदा की हुई थी करारी हारः

गौर हो कि लोकसभा चुनाव 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे, इस चुनाव में उन्हें बीजेपी नेता अजय भट्ट ने पटखनी दी थी. हरीश रावत को भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा था. अब लोकसभा चुनाव 2024 में हरीश रावत का क्या रोल होगा? इस पर सबकी नजर है. इसको लेकर हरीश रावत से जब सवाल किया गया तो उनका कहना है कि कांग्रेस के पास इस समय चतुर्भुज नेतृत्व है, जिसमें करन माहरा, यशपाल आर्य, गणेश गोदियाल और प्रीतम सिंह हैं.

क्या हरीश रावत हरिद्वार सीट से चुनाव लड़ेंगे? हरिद्वार लोकसभा सीट चुनाव लड़ेंगे या वो चुनाव की कमान संभालेंगे? इस पर हरीश रावत का कहना है कि सब कुछ तय समय पर होगा, लेकिन इतना तय है कि बेहतर ऊर्जावान क्षमता वाले लोगों को पार्टी आगे लाने का काम करेगी, जो पार्टी का बेहतर भविष्य तय करेंगे. उन्होंने कहा कि हरीश रावत के लिए क्या मुफीद है, यह महत्वपूर्ण नहीं है. जो पार्टी के लिए मुफीद होगा, उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा. जिसका सभी पालन करेंगे.

हरिद्वार के लोगों ने बनाया हरिद्वारी लालः वहीं, हरीश रावत ने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं हरिद्वार के लोगों का आभारी हूं, इसलिए हरिद्वार के लोगों ने मुझे हरिद्वारी लाल बना दिया. उन्होंने कहा कि हरिद्वार मेरा दिल है और उत्तराखंड मेरा दिमाग है. हरीश रावत ने कहा कि जहां से पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने को कहेगी, वहां से वो लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. हरीश रावत की खुद की पसंदीदा लोकसभा सीट क्या होगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एक समय बाद अपनी पसंद कोई मायने नहीं रखती, ऐसे में पार्टी की आज्ञा ज्यादा माननी पड़ती है. उन्होंने कहा कि जहां भी कांग्रेस को मेरी जरूरत होगी, मैं वहां कांग्रेस का झंडा लेकर खड़ा रहूंगा. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस जहां भी उनका उपयोग करना चाहिए, वो वहां पर हाजिर रहेंगे.

क्या यशपाल आर्य चुनाव लड़ेंगे? 

वहीं, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को आगामी चुनाव में किसी उम्मीदवार के तौर पर देखे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि 5 लोकसभा सीटों के लिहाज से यशपाल आर्य की भागीदारी मजबूत हो, जिसका आशय यह है कि कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने और उसको जिताने में यशपाल आर्य की अहम भूमिका हो. यशपाल आर्य ने भी अपनी उम्मीदवारी को दरकिनार करते हुए कहा कि पार्टी जिसे भी अपना कैंडिडेट तय करेगी, उसके लिए समर्पण भाव से काम किया जाएगा.

बरहाल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पटखनी देने की बात कर रहे हैं. साथ ही आगामी चुनाव को लेकर खासे उत्साहित भी नजर आ रहे हैं, लेकिन पांचों सीटों में कांग्रेस के लिए बेहतर उम्मीदवार कौन होगा और उससे पहले पार्टी को मजबूत करने के लिए कांग्रेस पार्टी का रोड मैप क्या होगा? इसके अलावा इन वरिष्ठ नेताओं का क्या रोल होगा? अभी तय नहीं हुआ है.

वहीं, इन तमाम बिंदुओं पर अभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अपनी भागीदारी तय करने का प्लान बना रहे हैं. अब देखना ये है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की भागीदारी का मजबूत प्लान कांग्रेस पार्टी के लिए कितना कारगर साबित हो पाता है. पांचों लोकसभा सीट में से बीजेपी को कितनी सीटों पर कांग्रेस पटखनी देने में सक्षम हो पाती है? यह देखने वाली बात होगी.

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