
राजू अनेजा,देहरादून। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और प्री-एसआईआर के दौरान सामने आ रही शादीशुदा महिलाओं की वोटर लिस्ट से जुड़ी समस्या को देखते हुए राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग ने इसका व्यावहारिक समाधान निकाल लिया है। अब विवाहित महिलाओं को मायके की मतदाता सूची में नाम बनाए रखने या नए पते पर नाम दर्ज कराने को लेकर भटकना नहीं पड़ेगा।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि प्री-एसआईआर के दौरान यदि किसी शादीशुदा महिला का नाम अब भी मायके की वोटर लिस्ट में दर्ज है, तो बीएलओ मौके पर ही उसकी मैपिंग कर आवश्यक संशोधन कर सकेंगे। महिला मतदाता को केवल यह बताना होगा कि वह वर्तमान में किस विधानसभा क्षेत्र में निवास कर रही है।
सरल प्रक्रिया, राहत की पहल
राज्य सरकार के निर्देश पर बीएलओ को यह अधिकार दिया गया है कि वे शादी के बाद स्थान परिवर्तन कर चुकी महिलाओं के पते में सुधार, नाम स्थानांतरण अथवा आवश्यक प्रविष्टियों को मौके पर ही दर्ज करें। इससे महिला मतदाताओं को अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
हेल्पलाइन से मिलेगा पूरा मार्गदर्शन
यदि किसी महिला मतदाता को फिर भी कोई शंका हो, तो वह निर्वाचन आयोग की वोटर हेल्पलाइन 1950 पर कॉल कर पूरी जानकारी और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकती है। इसके अलावा सभी जिलों में बनाए गए हेल्प डेस्क पर भी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
मतदान अधिकार सुरक्षित रखने पर जोर
निर्वाचन आयोग का कहना है कि एसआईआर का उद्देश्य किसी का नाम हटाना नहीं, बल्कि योग्य मतदाताओं के मतदान अधिकार को सुरक्षित और मजबूत करना है। इसी सोच के तहत शादीशुदा महिलाओं की समस्या का समाधान निकालते हुए प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है।
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