बुधवार देर शाम एक व्यक्ति ने कटोराताल पुलिस चौकी पहुंच कर सूचना दी कि चौकी से कुछ दूर खान पर स्थित खान मेडिकल स्टोर के बगल में ही किराए पर रह रही एक महिला को उसके पति ने चाकू मार दिया है। सूचना पर सीओ दीपक सिंह, कोतवाल अमर चंद शर्मा मय पुलिस बल के मौके पर पहुंचे तो देखा कि करीब 38 वर्षीय सुनीता देवी नाम की महिला अत्यधिक लहूलुहान स्थिति में गंभीर व चित्त अवस्था में पड़ी थी। मौके पर मौजूद उसके पुत्र सन्नी ने बताया कि उसके सौतेले पिता भगवानदास यादव ने चाकू मारकर उसकी मां की हत्या कर दी है। सन्नी ने पुलिस को बताया कि उसके पहले पिता की आठ वर्ष पूर्व मृत्यु के उपरांत उसकी मां ने भगवान दास से कोर्ट मैरिज कर ली थी। पुलिस ने सुनीता को सरकारी अस्पताल भिजवाया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के संबंध में सुनीता देवी के पुत्र सन्नी की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी भगवानदास के विरुद्ध हत्या का मुकदमा (103 (1)) दर्ज किया। मामले का संज्ञान लेते हुए एसएसपी उधम सिंह नगर मणिकांत मिश्रा द्वारा हत्या जैसे जघन्य अपराध के त्वरित अनावरण करने के लिए सीओ व कोतवाल को निर्देशित करते हुए शहर की नाकेबंदी करने को आदेशित किया, क्योंकि घटना के संबंध में यह जानकारी प्राप्त हुई थी कि हत्या करने के उपरांत हत्यारोपी वहां से थोड़ी देर पहले ही निकल भागा है।
सीओ दीपक सिंह एवं इंस्पेक्टर अमर चंद शर्मा द्वारा प्राप्त आदेश निर्देश के क्रम में नगर में आसपास के संदिग्ध स्थानों पर ढूंढ खोज और नाकेबंदी कर हत्यारोपी भगवानदास को कलश मंडप जाने वाले रास्ते से गिरफ्तार किया गया। पुलिस पूछताछ में हत्यारोपी भगवानदास ने बताया कि वह जल संस्थान से फिटर के पद से रिटायर्ड हुआ है। सुनीता देवी बिचौलिया बन कर शादियां करवाती थी, जिससे उसका सम्पर्क हुआ। उसके बेटे राहुल का रिश्ता भी सुनीता देवी ने करवाया था। सुनीता देवी ने अपने व उसके साथ के आपसी संबंध की वीडियो बनवा ली थी और उसके आधार पर उस पर दबाव बनाकर उससे शादी कर ली थी।
भगवानदास ने बताया कि वह अक्सर मेरी सम्पत्ति पर नजर रखती थी तथा सम्पत्ति को बेचने का दबाव डालती रहती थी। सुनीता उसके पुरुषत्व को ठेस पहुंचाती थी और रेलवे के टीटी से चौथी शादी करने की बात बोलती थी। पूर्व में वह दो शादियां कर चुकी थी। उसने उसकी जिंदगी खराब कर रखी थी। अगर वह उसे न मारता तो वह उसे मार देती। उसने बताया कि उसने सुनीता देवी के नाम पर मकान खरीदने के लिए प्रोपर्टी डीलर को 1.5 लाख रुपये दिये हैं, जिसकी कल-परसों रजिस्ट्री होनी थी, उसके बाद सुनीता मुझे मरवा देती, क्योंकि मैंने सुनीता व उसके बेटे को बात करते हुए सुना था कि रजिस्ट्री होने के बाद इसका काम तमाम कर देंगे। भगवानदास ने बताया कि उसने दिल में ठान ली थी कि मैं इसे मार दूंगा और उसने सुनीता को बहकावे में लेकर उसके बाल पकड़ कर सब्जी काटने वाले चाकू से उसका गला रेत दिया। मुझे उसकी मौत का कोई मलाल नहीं है। मैं सुनीता को नहीं मारता तो वह मेरी सम्पत्ति व मुझे नुकसान पहुंचा देती। पुलिस टीम में सीओ दीपक सिंह, कोतवाल अमर चन्द शर्मा, एसएसआई अनिल जोशी, एसआई सौरभ भारती, विपुल जोशी, चन्दन सिंह, मनोज धौनी, कंचन पड़लिया, संतोष देवरानी, एएसआई अजीत सिंह, प्रकाश बोरा आदि शामिल थे।