
राजू अनेजा,हल्द्वानी। “ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड” के संकल्प को ज़मीन पर उतारते हुए कुमायूँ परिक्षेत्र की पुलिस ने मादक पदार्थों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी, समन्वित और संगठित कार्यवाही को अंजाम दिया है। पुलिस महानिरीक्षक कुमायूँ श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए कुल 914.91 किलोग्राम मादक पदार्थों का वैज्ञानिक, विधिसम्मत एवं पर्यावरणीय मानकों के अनुसार विधिवत निस्तारण किया गया।
यह कार्यवाही 26 जून – अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के परिप्रेक्ष्य में एक विशेष अभियान के तहत संचालित की गई, जिसका उद्देश्य केवल नशा नष्ट करना ही नहीं, बल्कि समाज में इसके खिलाफ जागरूकता और जन-संकल्प को नई दिशा देना भी था।
रिकॉर्डतोड़ आंकड़े जो दिखाते हैं बदलती कार्यशैली
वर्ष 2025 में अभी तक:
- 324 अभियोगों में जब्त
- 914.91 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किए गए
वर्ष 2022 में 53 अभियोगों में 292 किलो
वर्ष 2023 में 134 अभियोगों में 719 किलो
वर्ष 2024 में 77 अभियोगों में 57.69 किलो
इन आंकड़ों की तुलना में, वर्ष 2025 में हुआ यह निस्तारण अब तक का सबसे बड़ा अभियान साबित हुआ है। यह दर्शाता है कि कुमायूँ पुलिस अब नशे के खिलाफ पहले से कहीं अधिक सख्ती, समर्पण और समन्वय के साथ कार्य कर रही है।
IG रिद्धिम अग्रवाल की सक्रिय निगरानी और नेतृत्व की स्पष्ट छाप
इस अभियान की सफलता के पीछे आई.जी. कुमायूँ श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल की व्यक्तिगत रुचि, निरंतर मॉनिटरिंग और पारदर्शिता की विशेष भूमिका रही। उन्होंने थाना स्तर तक सीधा संवाद स्थापित कर यह सुनिश्चित किया कि न्यायालय द्वारा स्वीकृत मामलों में जब्त मादक पदार्थ मालखानों में अनावश्यक रूप से लंबित या खराब न हों।
इतना ही नहीं, 1985, 1995 और 1998 जैसे तीन दशक पुराने मामलों में जब्त मादक पदार्थ भी चिन्हित कर दहन विधि से वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किए गए, जिससे न केवल मालखानों पर भार कम हुआ, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में भी गति और स्पष्टता आई।
पर्यावरणीय मानकों का पालन और सामाजिक प्रतिबद्धता
यह निस्तारण ग्लोबल एनवायरमेंटल साल्यूशन, लम्बाखेड़ा (पो. खानपुर, रुद्रपुर) में दहन प्रक्रिया द्वारा किया गया, जिसमें वैज्ञानिक एवं पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया गया। यह कार्यवाही केवल कानूनन प्रक्रिया नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति पुलिस की नैतिक प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है।
यह कोई एकदिनी अभियान नहीं — आगे भी जारी रहेगा सफाई अभियान
आई.जी. महोदया द्वारा कुमायूँ परिक्षेत्र के समस्त जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहे। सभी जिलों में लंबित मामलों को चिन्हित कर समयबद्ध निस्तारण की कार्ययोजना पर काम होगा।
न्याय, जनहित और पर्यावरण — तीनों की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि
यह अभियान केवल रिकॉर्ड संख्या में मादक पदार्थों को नष्ट करने की उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह बताता है कि उत्तराखण्ड पुलिस, विशेष रूप से कुमायूँ परिक्षेत्र, अब नशे के खिलाफ केवल सख्त नहीं, बल्कि सुनियोजित, पारदर्शी और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से काम कर रही है।“ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड” के लक्ष्य की ओर यह एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
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