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प्यार कांग्रेस में, शादी TMC में, BJP में तलाक… अब एक-दूसरे को हराने के लिए लड़ रहे चुनाव

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2024 में चुनाव प्रचार के दौरान कहीं पर देवरानी-जेठानी और ससुर चुनावी मुकाबले में हैं तो एक सीट ऐसी भी है जहां पर पूर्व पति-पत्नी एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। पश्चिम बंगाल की बिष्णुपुर सीट पर ऐसा ही हाल है।

यहां टीएमसी की उम्मीदवार सुजाता मंडल अपने पूर्व पति सौमित्र खान के खिलाफ पूरे जोर-शोर से चुनाव लड़ रही हैं।

खबर में आगे बढ़ने से पहले सुजाता और सौमित्र के रिश्ते को लेकर कुछ दिलचस्प बातों को जानना जरूरी है।

पहले कांग्रेस में थे सौमित्र खान

सौमित्र खान और सुजाता मंडल की मुलाकात 2010 में हुई थी। सौमित्र खान तब कांग्रेस में थे और सुजाता मंडल एक सरकारी स्कूल में टीचर थीं। जब दोनों में नजदीकियां बढ़ीं तो सुजाता सौमित्र के साथ कांग्रेस के तमाम कार्यक्रमों में नजर आने लगीं। इस तरह सौमित्र और सुजाता कांग्रेस में रहते हुए ही एक-दूसरे के करीब आए।

2014 में जब सौमित्र टीएमसी में शामिल हुए तो सुजाता भी उनके साथ टीएमसी में चली गईं। 2016 में सुजाता और सौमित्र ने शादी कर ली। सुजाता और सौमित्र को जानने वाले बताते हैं कि सुजाता ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर सौमित्र से शादी की थी। 2019 में जब सौमित्र बीजेपी में शामिल हुए तो सुजाता भी उनके साथ बीजेपी में आ गईं।

उत्तरी दिनाजपुर जिले के हेमताबाद में चुनावी सभा को संबोधित करतीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी।

Bishnupur Lok Sabha: सुजाता ने संभाला था चुनाव अभियान

यह बेहद दिलचस्प बात है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सुजाता मंडल ने अकेले दम पर सौमित्र का चुनाव अभियान संभाला था। क्योंकि तब कोलकाता हाई कोर्ट ने सौमित्र खान के बिष्णुपुर लोकसभा क्षेत्र में प्रवेश करने पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने यह आदेश उन पर नौकरी मांगने वाले उम्मीदवारों से धन वसूली करने के आरोपों के मामले में दिया था।

क्योंकि सुजाता लंबे वक्त से राजनीति में सक्रिय थीं इसलिए सौमित्र के चुनाव क्षेत्र से बाहर होने के बाद भी जब उन्हें जीत मिली तो इसमें सुजाता का ही बड़ा हाथ माना गया था।

बंगाल का राजनीतिक समीकरण (Source- PTI)

West Bengal Assembly elections 2021: टीएमसी में शामिल हुईं सुजाता

सुजाता और सौमित्र के रिश्ते तब खराब हुए जब सुजाता 2021 के पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों से पहले टीएमसी में शामिल हो गईं। सौमित्र इससे सदमे में आ गए और उन्होंने बाकायदा एक संवाददाता सम्मेलन में सुजाता से अलग होने की घोषणा की और तलाक मांगा।

2021 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने सुजाता मंडल को आरामबाग विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया लेकिन वह चुनाव हार गई थीं। 2022 में सुजाता और सौमित्र खान कानूनी रूप से अलग हो गए थे। इसके बाद सौमित्र खान ने परमिता रॉय चौधरी से शादी कर ली और सुजाता मंडल ने भी अपने नाम के पीछे से खान सरनेम को हटा लिया था। पिछले साल हुए पंचायत चुनाव में उन्होंने सुजाता मंडल के नाम से ही चुनाव लड़ा।

टीएमसी ने जब बिष्णुपुर लोकसभा सीट से सुजाता को उम्मीदवार बनाया तो सुजाता ने कहा था कि यह उनके लिए अग्निपरीक्षा की तरह है लेकिन उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि वह चार लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीतेंगी। सौमित्र खान को 2014 में इस सीट से 1.20 लाख वोटों से जीत मिली थी जबकि 2019 में यह आंकड़ा 78000 वोटों का रहा था।

संजय बारू का तर्क है क‍ि मोदी को 370 सीटें आ गईं तो आगे चल कर बीजेपी का वही हश्र होगा जो इंद‍िरा गांधी या राजीव गांधी को प्रचंड बहुमत म‍िलने के बाद कांग्रेस का हुआ था। (फोटो सोर्स: रॉयटर्स)

बिष्णुपुर लोकसभा सीट में सात विधानसभा सीटें आती हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव में इनमें से 5 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी जबकि दो सीटें टीएमसी के खाते में गई थीं। इन सीटों के नाम बरजोरा, ओंडा, बिष्णुपुर, कटुलपुर (एससी), सिंधु (एससी), सोनामुखी (एससी) और खंडाघोष (एससी) हैं।

West Bengal Election 2024: बीजेपी-टीएमसी के बीच है मुकाबला

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में उसे सिर्फ 2 सीटें मिली थी। तब टीएमसी को 22 सीटें मिली थी। 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में भी मुख्य मुकाबला बीजेपी और टीएमसी के बीच ही रहा था। बीजेपी ने 2016 के विधानसभा चुनाव में उसे मिली तीन सीटों के मुकाबले 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

इस बार बीजेपी ने राज्य में 35 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है जबकि टीएमसी भी उसे 2019 में मिली सीटों के आंकड़े से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए जोर लगा रही है।

बिष्णुपर सीट पर चर्चा के बीच में ही हरियाणा में एक लोकसभा सीट ऐसी है, जहां पर एक ही परिवार की दो बहुएं अलग-अलग राजनीतिक दलों से चुनाव मैदान में हैं तो उनके सामने उनके ससुर भी चुनाव लड़ रहे हैं।

हिसार में चौटाला परिवार में जंग। (Source- FB)

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