ऋषिकेश: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 27 साल से फरार चल रहे एक वांटेड गैंगस्टर टिल्लू को उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार किया है। आरोपी अपनी पहचान छिपाने के लिए साधु के वेश में रह रहा था और अलग-अलग धार्मिक स्थानों पर छिपता फिर रहा था। पुलिस ने एक अनूठे ऑपरेशन में उसे तब गिरफ्तार किया, जब टीम ने तीन दिनों तक स्वयंसेवक के रूप में मंदिरों में भंडारा बाँटा।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि क्राइम ब्रांच को हेड कांस्टेबल अमरीश कुमार से टिल्लू के बारे में गुप्त सूचना मिली थी कि वह हरिद्वार या ऋषिकेश में हो सकता है। यह भी पता चला कि उसने साधु का वेश बना लिया था और देश भर के मंदिरों और धर्मशालाओं में घूम रहा था। एसीपी रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में एक पुलिस टीम ऋषिकेश पहुँची और आसपास के मंदिरों में स्वयंसेवक के तौर पर काम करना शुरू किया।
लगातार तीन दिनों तक भंडारा बाँटते हुए पुलिस टीम ने टिल्लू पर नज़र रखी। आखिरकार, उन्हें गीता भवन के घाट नंबर 3 के पास से गिरफ्तार कर लिया गया, जहाँ वह रह रहा था।
धार्मिक स्थलों पर बदल-बदल कर रह रहा था
टिल्लू ने अपनी असली पहचान छिपाने के लिए न केवल अपना नाम और पता बदला था, बल्कि साधु का रूप भी धारण कर लिया था। 2023 में उसकी गतिविधि कन्याकुमारी में भी देखी गई थी, लेकिन वह जगन्नाथ पुरी, ओडिशा चला गया था। पुलिस की इस सफल कार्रवाई से यह साबित हुआ कि अपराधी कितनी भी कोशिश कर लें, कानून से बच नहीं सकते।
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