आपको बताते चले कि एसटीएफ को लंबे समय से ऊधमसिंहनगर और आसपास के क्षेत्रों में अवैध हथियारों की आपूर्ति की सूचनाएं मिल रही थीं। दो महीने की कड़ी निगरानी और खुफिया इनपुट्स के बाद एसटीएफ की टीम प्रभारी निरीक्षक एमपी सिंह और आईटीआई थाना पुलिस के साथ आर्य नगर की डॉ. सिंह वाली गली में पहुंची। छापेमारी में हर्ष शर्मा को रंगे हाथों दो पिस्टल (.32 बोर), दो मैगजीन और कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
व्हाट्सएप से चलता था असलहा नेटवर्क:
पूछताछ में हर्ष ने बताया कि वह न्यूजीलैंड में रह रहे गूरी के सीधे संपर्क में था, जो उसे व्हाट्सएप के माध्यम से लोकेशन, डिलीवरी पॉइंट और टाइमिंग बताता था। हर्ष को हर पिस्टल की डिलीवरी पर ₹10,000 मिलते थे। वह अब तक काशीपुर, रामपुर और मुरादाबाद में दर्जनों हथियारों की सप्लाई कर चुका है।
छात्र की आड़ में बना तस्कर:
22 वर्षीय हर्ष काशीपुर के पॉलीटेक्निक कॉलेज में सिविल ट्रेड का छात्र है। उसके पिता एक फैक्ट्री में इंजीनियर हैं। पढ़ाई के दौरान ही वह गूरी के संपर्क में आया और धीरे-धीरे पूरी तस्करी की चेन का अहम हिस्सा बन गया।
मेरठ से होती थी सप्लाई:
बरामद दोनों पिस्टल मेरठ में तैयार की गई थीं। इससे संकेत मिलता है कि उत्तर प्रदेश के कुख्यात हथियार बाजार से भी इस नेटवर्क के गहरे संबंध हैं।
एसटीएफ का बड़ा खुलासा जल्द:
एसटीएफ के एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि हर्ष से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। संभावना है कि जल्द ही इस इंटरनेशनल रैकेट के और भी चेहरे बेनकाब होंगे।
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