उत्तराखंड में जल्द ही एसआईआर (Special Summary Revision) शुरू किया जाएगा, और इससे पहले राज्य में प्री-एसआईआर प्रक्रिया चल रही है। मतदाताओं के मन में किसी तरह की कोई शंका न हो, इसके लिए राज्य सरकार ने अनोखी पहल शुरू करते हुए एक हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है।
📞 हेल्पलाइन और शंका समाधान
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हेल्पलाइन नंबर: वोटर हेल्पलाइन नंबर 1950।
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उद्देश्य: प्री-एसआईआर के दौरान किसी भी तरह की शंका होने पर मतदाता इस नंबर पर कॉल करके पूरी जानकारी ले सकते हैं।
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निर्देश: मतदाताओं को परेशानी से बचाने और उनकी शंकाओं के समाधान के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को हेल्प डेस्क बनाने और हेल्पलाइन नंबर जारी करने के निर्देश दिए थे।
🗺️ मैपिंग में आ रही दिक्कतें
प्री-एसआईआर के दौरान राज्य सरकार ने 70 फीसदी मतदाताओं की मैपिंग का लक्ष्य रखा है। बूथ लेवल अफसरों (बीएलओ) ने घर-घर पहुंचकर मतदाताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है। इस दौरान कुछ मामले सामने आए हैं, जहाँ मतदाताओं को दुविधा हो रही है:
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जो लोग वर्ष 2003 में दूसरे विधानसभा क्षेत्र में रहते थे, उनकी मैपिंग में दिक्कत आ रही है।
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शादीशुदा महिलाओं को मायके की वोटर लिस्ट से खुद की मैपिंग करवानी पड़ रही है।
✅ एसआईआर प्रक्रिया के मुख्य बिंदु
एसआईआर देश के एक वैध मतदाता के रूप में पात्रता का पता लगाने के लिए आयोजित की जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत:
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बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) मतदाताओं के घर जाकर उनकी डिटेल्स को सत्यापित करेंगे और गणना फॉर्म बाँटेंगे।
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नए पात्र मतदाताओं (जैसे 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले) के नाम सूची में जोड़े जाएंगे।
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मृत या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं के विवरण (जैसे पता, फोटो, अन्य जानकारी) को सुधारा जाएगा।
क्या आप जानना चाहेंगे कि एसआईआर प्रक्रिया आपके क्षेत्र में कब तक चलने की संभावना है?
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