देहरादून: उत्तरकाशी आपदा के बाद खीर गंगा के उफनने से भागीरथी नदी का स्वरूप बदल गया है। वाडिया भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. अमित कुमार ने बताया कि आपदा के कारणों का पता लगाने के लिए सैटेलाइट इमेज का अध्ययन किया जा रहा है। हालांकि, प्रारंभिक जांच में नदी के प्रवाह में बड़े बदलाव के संकेत नहीं मिले हैं। पुष्ट जानकारी स्थलीय निरीक्षण के बाद ही मिल पाएगी।
हर्षिल में भागीरथी नदी पर बनी झील
तैलगाड गधेरे के मलबे से हर्षिल में भागीरथी नदी में एक झील बन गई है, जिसे लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने भी चिंता जताई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि झील को साफ करने के लिए मलबे को धीरे-धीरे हटाना सबसे सुरक्षित तरीका है।
सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष सुभाष कुमार के अनुसार, झील का निरीक्षण किया गया है और इसे हटाने के लिए क्यूनेट बनाकर जल निकासी कराने का फैसला लिया गया है। इसके लिए चार पोकलेन मशीनों की व्यवस्था की गई है, जो रास्ता साफ होते ही मौके पर पहुंच जाएंगी। फिलहाल, झील से पानी का रिसाव हो रहा है।
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