उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। मौसम विभाग ने 11 मई तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसमें उत्तरकाशी, चमोली, और रुद्रप्रयाग जैसे क्षेत्रों में रेड अलर्ट लागू है।
यह खबर यात्रियों, स्थानीय निवासियों, और चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आइए, इस मौसम अलर्ट के बारे में विस्तार से जानते हैं।
भारी बारिश और रेड अलर्ट की स्थिति
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अगले कुछ दिनों तक मौसम बेहद खराब रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून, टिहरी, नैनीताल, और चंपावत जैसे जिलों में 6 से 11 मई तक तेज बारिश, बिजली गिरने, और ओलावृष्टि का खतरा बना हुआ है। खास तौर पर उत्तरकाशी में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां भूस्खलन और बर्फबारी की आशंका भी जताई गई है। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि यह मौसमी बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के कारण है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
चारधाम यात्रा पर असर
चारधाम यात्रा के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन मौसम की मार ने श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री मार्ग पर भूस्खलन की आशंका के चलते यात्रियों से सतर्क रहने की अपील की गई है। प्रशासन ने सलाह दी है कि श्रद्धालु अपनी यात्रा की योजना मौसम पूर्वानुमान के आधार पर बनाएं और सुरक्षित स्थानों पर ही रुकें। पिछले साल भी भारी बारिश ने यात्रा को प्रभावित किया था, और इस बार स्थिति और गंभीर हो सकती है।
स्थानीय लोगों और यात्रियों के लिए सावधानी
भारी बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि और सड़कों के बंद होने का खतरा बढ़ गया है। अलकनंदा नदी पहले ही खतरे के निशान के करीब बह रही है। स्थानीय निवासियों को नदी किनारे न जाने और ऊंचे स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। यात्रियों के लिए प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि आपात स्थिति में सहायता मिल सके। मौसम विभाग ने तेज हवाओं और बिजली गिरने के खतरे को देखते हुए खुले स्थानों से दूर रहने की सलाह दी है।
आगे की तैयारी
मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। आपदा प्रबंधन टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की गई हैं, और राहत कार्यों के लिए संसाधन तैयार हैं। यात्रियों और निवासियों से अपील है कि वे मौसम अपडेट्स पर नजर रखें और अनावश्यक यात्रा से बचें। यह मौसमी बदलाव न केवल उत्तराखंड, बल्कि हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य पहाड़ी राज्यों को भी प्रभावित कर सकता है।
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